
ईरान में बिगड़ते हालात के बीच ऑपरेशन ‘सिंधु’ के तहत गुरुवार सुबह 110 भारतीय छात्र सकुशल भारत लौट आए। जैसे ही छात्रों ने भारतीय धरती पर कदम रखा, चेहरे पर सुकून और आंखों में खुशी झलक उठी। परिजनों ने भी राहत की सांस ली और भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की।
छात्रों ने बताया कि ईरान में हालात बेहद तनावपूर्ण थे। एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे यासिर गफ्फार ने बताया, “रात में मिसाइलों की तेज आवाजें सुनाई देती थीं। हमने आसमान में उन्हें उड़ते देखा और धमाकों की गूंज से डर बैठता था। लेकिन अब भारत लौटकर सुकून मिला है। हम अपने सपनों को नहीं छोड़ेंगे, हालात सुधरने पर वापस पढ़ाई के लिए लौटेंगे।”
एक अन्य छात्र ने कहा, “हमें उम्मीद नहीं थी कि इतनी जल्दी भारत लौट पाएंगे। लेकिन सरकार ने हर कदम पर मदद की, जिससे सब कुछ बेहद सहज रहा।”
“छात्रावास की खिड़की से मिसाइलें गुजरती देखीं”
उर्मिया विश्वविद्यालय की छात्रा मरियम रोज ने कहा, “हमारे हॉस्टल से मिसाइलों को गुजरते देखा। हालांकि जब हम रवाना हुए, तब वहां की स्थिति उतनी खराब नहीं थी। दूतावास की तरफ से हमें हर जरूरी सहायता मिली, यात्रा लंबी जरूर रही लेकिन परेशानी नहीं हुई।”
गजल नाम की एक अन्य छात्रा ने बताया कि उर्मिया में हालात तेहरान से थोड़े बेहतर थे। उन्होंने कहा, “भारतीय दूतावास ने हमें सुरक्षित निकाल लिया। हम सरकार के बहुत आभारी हैं।”
तीन देशों की यात्रा के बाद घर वापसी
छात्रों ने बताया कि उन्हें पहले उर्मिया से निकाला गया, फिर अर्मेनिया ले जाया गया, इसके बाद कतर होते हुए भारत लाया गया। जम्मू-कश्मीर की एक छात्रा ने अपील की कि थकान भरी यात्रा के बाद उन्हें बस के बजाय घर पहुंचाने की कोई और सुविधा दी जाए।
“युद्ध मानवता के खिलाफ है”
अमन अजहर नाम के छात्र ने कहा, “हम बहुत खुश हैं कि सुरक्षित घर लौट आए। ईरान में हालात बुरे थे, लेकिन वहां भी लोग हमारे जैसे ही हैं – बच्चे, परिवार, छात्र। युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है, यह इंसानियत को खत्म करता है।”
खुश नजर आए माता-पिता
छात्रों के साथ-साथ उनके परिजन भी भावुक और आभारी नजर आए। एक छात्र के पिता ने कहा, “मेरा बेटा अर्मेनिया के रास्ते वापस लौटा है। वह ईरान में सीमा के पास पढ़ाई कर रहा था। शुक्र है कि सरकार ने समय रहते कदम उठाया। हालांकि मैं अपील करता हूं कि जो छात्र अब भी तेहरान या अन्य अंदरूनी इलाकों में फंसे हैं, उन्हें भी जल्द निकाला जाए।”
एक छात्रा की मां ने कहा, “हमारी बच्ची सुरक्षित लौट आई, यह हमारे लिए सबसे बड़ी खुशी है। सरकार ने शानदार व्यवस्था की, हम इसके लिए धन्यवाद देते हैं। बस अब चाहते हैं कि बाकी बच्चों की भी सुरक्षित वापसी हो।”