
- प्रबंधन ही विकास की धुरी और इकोनॉमी की रीढ़
- मानव रचना यूनिवर्सिटी में बही प्रबंधन पर ज्ञान गंगा
Gurugram: आज के दौर में कड़ी स्पर्धा है तो पंख फैलाने के लिए खुला आसमान भी है। मंजिल तक सबसे पहले पहुंच कर स्थायी तौर पर बढ़त वही बना सकता है जिसके पास तेज तर्रार नीति- रणनीति के साथ कुशल प्रबंधन की दक्षता भी हो। कामयाबी के रचनाकार को ही सलाम मिलता है। इसी लक्ष्य, पर्सपेक्टिव और विजन को सामने रखते हुए देश की प्रतिष्ठित मानव रचना यूनिवर्सिटी के स्कूल आफ मैनेजमेंट ने एक और लंबी छलांग (लांग स्ट्राइड) लगाई।
‘मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम’ के चौथे संस्करण के साथ प्रबंधन क्षेत्र के दिग्गज आज 17 जून को जब गुरुग्राम के होटल क्राउन प्लाजा में संबोधन और पैनल डिस्कशन के लिए जुटे तो निश्चित रूप से समुद्र मंथन जैसा ‘अमृत’ सामने था। ऐसा अमृत जो तेज कामयाबी को स्थायित्व देगा, जो प्रबंधन के शिखर तक पहुंचाने का मूलमंत्र बनेगा।
एमडीपी-4 की मूल थीम रही ‘आईटी फार ईएसजी: टेक्नोलॉजी के माध्यम से सतत् प्रभाव’। इसके साथ ही सतत् उद्यमिता (सस्टेनेबल एंटरप्राइजेज) का डिजिटल ब्लूप्रिंट तैयार करने का गंभीर प्रयास हुआ।
ईएसजी से तात्पर्य पर्यावरण, समाज एवं गवर्नेंस से है।
कार्यक्रम के शुभारंभ सत्र को मानव रचना यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो.(डॉ) दीपेंद्र के. झा ने संबोधित किया। उन्होंने मानव रचना यूनिवर्सिटी की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और एमडी पी सीरीज के महत्व की दीर्घकालिक व्यापकता का विवेचन किया। उनके बाद सत्य झा (पार्टनर ग्रांट थॉर्नटन), अर्पित शर्मा( सीईओ, स्किल काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स) और कार्तिकेय रमन(फोर्टिस मदर्स इन इंडिया एसोसिएट पार्टनर) ने वर्तमान की चुनौतियों और भविष्य की संभावित उपलब्धियों का तार्किक विश्लेषण किया।
पैनल डिस्कशन में प्रवेक सक्सेना (फाउंडर एवं सीईओ करेंसिया ), शैफाली संगल (फाउंडर एचआर कंसल्टिंग फर्म ‘यंग माइंड्स’), संदीप बिस्वास( कोग्निजेंट एज सीनियर डायरेक्टर, कंसल्टिंग) और डॉ. मुनीश जिंदल(फाउंडर एंड सीईओ होवर रोबोटिक्स, फाउंडिंग प्रेसीडेंट मेंटोर्क्स ग्लोबल) ने अपने अनुभवों के आधार पर ऐसा प्रभाव छोड़ा कि उनकी काबिलियत, प्रबंधन दक्षता और दूरगामी परिणाम दिखाने वाले विजन के सभी कायल हो गए। पैनल डिस्कशन का सार यही सामने आया कि प्रबंधन ही विकास की धुरी है, यही तंत्र की रीढ़ है।
पैनल डिस्कशन की मॉडरेटर डा. योगिता शर्मा (डीन डिपार्टमेंट आफ स्टूडेंट वेलफेयर, मानव रचना यूनिवर्सिटी) ने इतना प्रभावशाली संचालन किया कि उपस्थित सभी महानुभाव मंत्रमुग्ध हो गए। डा. योगिता एमडीपी4 की कन्वीनर भी हैं। एमडीपी सीरीज के कन्वीनर प्रो.(डॉ) एसके रॉय ने इस विशेष अभियान की सफलता पर सभी को सामूहिक बधाई दी।
इस प्रभावशाली पैनल डिस्कशन की कामयाबी एवं प्रभावशीलता के पीछे स्कूल आफ मैनेजमेंट एंड कामर्स के एसोसिएट प्रोफेसर और आयोजन समिति में शामिल डॉ. सुनील कादयान की बेहतरीन, कुशाग्र प्लानिंग का अहम रोल रहा। उनकी कई दिनों की कठिन मेहनत को पैनल की शानदार कामयाबी का श्रेय मिला।
आयोजन समिति में शामिल डा. शगुन चहल (असिस्टेंट प्रोफेसर)और डा. ए. सिंह (असिस्टेंट प्रोफेसर) का योगदान सोने पर सुहागा साबित हुआ।
प्रणव मुटरेजा, लव एवं कुशल माथुर की स्टूडेंट आर्गेनाइजर टीम ने भी विशेष योगदान देकर अपनी उपस्थिति का अहसास करवाया।
पैनल डिस्कशन के नॉलेज पार्टनर यंग माइंड्स और मीडिया पार्टनर एंटरप्रिन्योर मीडिया रहे। एनएचपीसी स्पांसरिंग पार्टनर रहे।
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