
Mahrajganj: डॉक्टर को धरती का भगवान कहते हैं। ये बात अमूमन डॉक्टर के पेशे के लिए कही जाती है और कई मौकों पर देश-दुनिया के डॉक्टर इसे सही भी साबित करते हैं। इस बात को एक बार फिर सही साबित किया है महराजगंज जनपद में जिला अस्पताल के आर्थों सर्जन डॉक्टर विकास कुमार ने।
जिन्होंने तीन मरीजों का सफल आपरेशन कर उनके परिवारजनों के चेहरे पर खुशियां ला दी है।
हम बात कर महराजगंज जनपद के उस अस्पताल के बारे में जिसको लोग बिमारू अस्पताल कहकर बुलाते थे वजह थी सुविधाओ का अभाव। लोग अच्छी सुख सुविधाओं के लिए जहां एक तरफ प्राईवेट अस्पतालों का सहारा लेते थे। तो वहीं जिला अस्पताल पर उनको भरोसा नहीं होता था। लेकिन कहते हैं कि समय के साथ साथ परिस्थितियां बदलती है और सिस्टम में सुधार भी होता है।
आज महराजगंज जनपद का जिला अस्पताल ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है जहां लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। मामला जिला अस्पताल का है जहां एक नहीं बल्कि तीन तीन मरीजों का सफ़ल आपरेशन किया गया है। मरीजों के परिजनों ने आस लगना छोड़ दिया था कि वो कभी ठीक होगें लेकिन वहीं उम्मीद जगाई जिला अस्पताल में कार्यरत वरिष्ठ आर्थों सर्जन डॉ विकास कुमार ने। उन्होंने जिला अस्पताल में पहली बार घुटने व स्पाइन का सफल आपरेशन किया और ना चल पाने वाले मरीजों को चला दिया। उन्हें चलता फिरता देख परिवारजनों के आंखों में ख़ुशी के आंसू आ गए और डॉक्टर और उनकी टीम को थैंक्यू कहा।
दैनिक भास्कर संवाददाता से बातचीत करते हुए आर्थों सर्जन डॉ विकास कुमार ने कहा कि हड्डी रोगों से संबधित ऑपरेशन में जोड़ प्रत्यारोपण सबसे बड़ी सर्जरी मानी जाती है। जिला अस्पताल में इस तरह की सर्जरी होना एक बड़ी उपल्ब्धि है। टीम के सभी लोगों को बधाई।
पहला मामला: अधेड़ की घुटने की टूटे सभी धागों को दूरबीन विधि से जोड़कर उसे चलने में योग्य बना दिया।
दूसरा मामला: बाईक की ठोकर से रीढ़ की हड्डी टूटने से एक किशोर के दोनों पैर सुन्न हो गए, जिसका आर्थों सर्जन डॉ विकास कुमार ने सफल आपरेशन कर ठीक कर दिया।
तीसरा मामला: पैर फिसलने से एक 80 वर्षीय बुजुर्ग का कुल्हा टूट गया, जिसके बाद डॉ विकास कुमार और उनकी टीम ने कुल्हे का सफल प्रत्यर्पण किया और 15 दिन बाद अपने पैरों पर चलने फिरने लगे।
पहले भी कई मामलों में सफल आपरेशन कर चुके हैं जिला अस्पताल के डाक्टर विकास कुमार
इसके पहले भी आर्थों सर्जन डॉ विकास कुमार ने 10 अन्य बुजुर्गो का कुल्हा प्रत्यर्पण कर उन्हें चलने फिरने योग्य बना दिया और उनके परिवार में खुशियां लौटाई।
जिला अस्पताल में पहली बार स्पाइन और घूटने का सर्जरी हुआ है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।आर्थोपेडिक विभाग के डॉक्टर विकास कुमार और उनकी टीम ने स्पाइन और घूटने की सर्जरी कर मरीज को राहत प्रदान की है। आमतौर पर ऐसे ऑपरेशन बड़े शहरों में होते हैं। सफल आपरेशन के लिए उनको बधाई।
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