जातिगत जनगणना का अधिकार केवल केन्द्र के पास : भाजपा

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि राज्य सरकारें जातिगत जनगणना नहीं करा सकतीं, केवल सर्वे करा सकती हैं। कांग्रेस जनता को भ्रमित कर रही है, जबकि केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सामाजिक, आर्थिक और जातिगत जनगणना केंद्र स्तर पर ही की जाएगी।

दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राज्यसभा सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इस मुद्दे पर आज कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह बार-बार जानबूझकर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। त्रिवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार जनता से जुड़ी सामाजिक, आर्थिक और जातिगत जानकारी एकत्र करायेगी। यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार होगा।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस तेलंगाना में हो रहे सर्वे को जनगणना बताकर जनता को गुमराह कर रही है। सच्चाई यह है कि राज्य केवल सर्वेक्षण कर सकते हैं, जनगणना का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। उन्होंने सवाल पूछा कि कांग्रेस की तेलंगाना सरकार में कितने ओबीसी मंत्री हैं। वहीं, आज देश में सबसे अधिक ओबीसी मंत्री केंद्र सरकार में हैं।

त्रिवेदी ने कांग्रेस पर परिवारवाद और केवल सत्ता की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा और एनडीए का विचार है— ‘सबका विश्वास, सबका प्रयास’ है। कांग्रेस और इंडी गठबंधन का उद्देश्य केवल जातियों में विभाजन पैदा करना है।

उल्लेखनीय है कि भारत में 1931 में ब्रिटिश शासन के दौरान अंतिम जातिगत जनगणना हुई थी। स्वतंत्र भारत में 1951 के बाद जातिगत आंकड़े नहीं लिए गए। 2011 में सामाजिक-आर्थिक और जातिगत सर्वेक्षण हुआ लेकिन उसे औपचारिक जनगणना के रूप में मान्यता नहीं मिली थी। कल केन्द्र सरकार ने जातिगत गणना के साथ जनगणना कराए जाने की घोषणा की।

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