
- ईरान-इज़राइल युद्ध तेज़, सीज़फायर से इनकार के बाद हमलों में आई तेजी
मध्य पूर्व में तनाव चरम पर पहुंच चुका है। ईरान और इज़राइल के बीच चल रही जंग अब और भड़क उठी है। ईरान ने सीज़फायर प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, जिसके बाद इज़राइल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए हमलों की रफ्तार बढ़ा दी है। राजधानी तेल अवीव में लगातार सायरनों की आवाजें गूंज रही हैं, जिससे वहां दहशत का माहौल है।
युद्ध के बीच भारत चलाएगा रेस्क्यू मिशन
तनावपूर्ण हालात को देखते हुए भारत सरकार ने ईरान में फंसे करीब 10,000 भारतीयों को सुरक्षित निकालने का फैसला किया है।
- इनमें भारतीय छात्र, मेडिकल और धार्मिक संस्थानों में पढ़ने वाले युवा, वर्क वीज़ा पर गए नागरिक शामिल हैं।
- ईरान सरकार ने विदेशी नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए हरी झंडी दे दी है।
- भारत इन्हें अज़रबैजान, तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान की सीमाओं के रास्ते बाहर निकालेगा।
हवाई अड्डे बंद, ज़मीनी रास्ते से निकासी की योजना
भारत के अनुरोध पर तेहरान ने जवाब दिया है कि
“हवाई मार्ग फिलहाल बंद हैं, लेकिन सभी ज़मीनी सीमाएं खुली हैं।”
इस जानकारी के बाद भारत ने जमीनी रूट से निकासी अभियान तेज़ करने की रणनीति बनाई है।
पाकिस्तान ने दी परमाणु सुरक्षा की गारंटी: ईरान का दावा
इस पूरे घटनाक्रम में एक चौंकाने वाली टिप्पणी ईरानी IRGC जनरल मोहसेन रेजाई की तरफ से आई। उन्होंने कहा:
“अगर इज़राइल ईरान पर परमाणु हमला करता है, तो पाकिस्तान ने भरोसा दिलाया है कि वह ईरान की ओर से न्यूक्लियर जवाब देगा।”
हालांकि पाकिस्तान की ओर से इस दावे की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इस बयान ने क्षेत्रीय तनाव को और गहरा कर दिया है।
क्या बढ़ेगा यह संघर्ष?
ईरान और इज़राइल की इस लड़ाई ने अब तक कई निर्दोष नागरिकों की जान ले ली है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर हालात जल्द नहीं संभले तो यह सीमित युद्ध एक बड़े क्षेत्रीय संघर्ष का रूप ले सकता है, जिसमें कई देश और गुट शामिल हो सकते हैं।
दुनियाभर की नज़र अब इन दो देशों पर टिकी है, जबकि संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक शक्तियां संघर्ष को रोकने की कोशिशों में लगी हैं।
भारत की प्राथमिकता फिलहाल अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी है, जिसके लिए ज़मीनी स्तर पर काम शुरू हो चुका है।