
पुणे से करीब 30 किलोमीटर दूर कुंडमाला में रविवार को हुए दर्दनाक पुल हादसे ने वीकेंड की सैर पर निकले कई परिवारों की खुशियों को मातम में बदल दिया। इंद्रायणी नदी की तेज धार को देखने के लिए भारी संख्या में लोग पुराने पुल पर जमा हो गए थे। इसी दौरान भीड़ और वाहनों के दबाव से पुल अचानक ढह गया, जिससे कई लोग नदी में बह गए।
हादसे के वक्त पुल पर भारी भीड़ और वाहन
गवाहों के मुताबिक, रविवार को बड़ी संख्या में सैलानी और स्थानीय लोग नदी की तेज धारा का नज़ारा लेने पुल पर पहुंचे थे। कुछ बाइक सवार भी पुल पर आ गए थे। भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि पुल भरभराकर इंद्रायणी नदी में गिर पड़ा। हादसे में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 3 लोग अब भी लापता हैं।
रविवार शाम तक एनडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय युवाओं की मदद से 38 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया, जिनका इलाज नजदीकी अस्पताल में चल रहा है। मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए मावल अस्पताल भेजा गया है। महाराष्ट्र सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है।
बारिश बनी चुनौती, फिर से शुरू होगा सर्च ऑपरेशन
पुणे में सोमवार सुबह हल्की बारिश शुरू हो गई है जिससे नदी का बहाव और तेज हो गया है। इसके बावजूद राहत-बचाव दल ने आज फिर से सर्च ऑपरेशन शुरू करने की तैयारी की है। प्रशासन का कहना है कि लापता लोगों की तलाश पुल हादसे की जगह से लेकर पास के डैम तक की जाएगी।
पीएम मोदी ने ली जानकारी, रोहित पवार ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो इस समय विदेश दौरे पर साइप्रस में हैं, ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से फोन पर बात कर हादसे की जानकारी ली।
वहीं, एनसीपी (शरद गुट) के नेता रोहित पवार ने हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि राज्य में कई ऐसे पुल हैं जो 100 साल पुराने और बेहद जर्जर हालत में हैं। उन्होंने कहा कि इस पुल के जीर्णोद्धार को लेकर चर्चाएं होती रहीं, लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी।
कई पुल खतरे में, जरूरी है पुनरुद्धार
रोहित पवार ने चेतावनी दी कि महाराष्ट्र में औपनिवेशिक काल के कई पुल अभी भी उपयोग में हैं और उनकी हालत बेहद खराब है। उन्होंने सरकार से अपील की कि ऐसे सभी पुलों की तत्काल जांच और मरम्मत होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।