Jaunpur: “पीली नदी के संरक्षण को लेकर शुरू हुआ अभियान

Jaunpur: बदलापुर विधानसभा के लिए जीवदायिनी कही जाने वाली पीली नदी का जीर्णोद्धार हेतु वृहद अभियान का प्रारंभ किया गया।

25 वर्षों से विलुप्त होने की कगार पर पहुंची इस पीली नदी के जीर्णोद्धार की पहल बदलापुर के विधायक रमेश चंद्र मिश्र ने की है। उन्होंने कहा कि नदी के संरक्षण का की प्रेरणा PM मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संकल्प को मूर्त रूप देने के लिए 11 जून को जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र, मुख्य विकास अधिकारी ध्रुव खड़िया समेत विभिन्न अधिकारी गण के साथ बैठक करके कार्य योजना तैयार किया गया।

बैठक के उपरांत ग्राम कबेली- बहुर के मध्य स्थित पीली नदी का पूजन करके कार्य का प्रारंभ कराया गया। दिनांक 12 जून को बदलापुर विधानसभा के सीमा क्षेत्र डेहुणा ग्राम सभा के एकडला व ग्राम नाभीपुर के सीमा पर पीली नदी का पूजन करके नदी के सफाई कार्य की शुरुआत की गई।
“बदलापुर विधानसभा क्षेत्र के जिन गांवो से यह नदी गुजर रही है वहाँ के स्थानीय नागरिकों के साथ समाजसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जा रही। इस नदी के संरक्षण के लिए विधायक रमेश चंद्र मिश्र की पहल से क्षेत्र वासियों में हर्ष व्याप्त है।

ज्ञात हो कि पीली नदी का उदगम सुल्तानपुर जनपद से है। यह नदी प्रतापगढ़ होकर जौनपुर जिले के बदलापुर विधानसभा के लगभग तीन दर्जन से अधिक गांवो से गुजरते हुए नदी इसी विधानसभा के सीमावर्ती दरियावगंज -मई गाँव के पास गोमती नदी में समाहित होती है।

पीली नदी जिले में बदलापुर विधानसभा के डेहुणा, एकडला, नाभीपुर, दयालापुर, भूला, लालगंज, खानपुर, आहोपुर, सिरकिना, बहुर, करनपुर, पहितियापुर, खजुरन, फत्तूपुर, मरगूपुर, ऊदपुरगेल्हवा, हिम्मतपुर, रूपचन्द्रपुर, बलुआ, बदलापुर खुर्द, चकमोलनापुर होते हुए रारीकला गाँव में लखेश्वरी नदी में मिलती है। वहीं से आगे जाकर मई दरियावगंज में पहुंच कर गोमती नदी में मिल जाती है।
इन गांवों के लोगो के दैनिक जीवन में पीली नदी का विशेष महत्व है। नदी में पानी नहीं होने की वजह से आसपास के गांव में भूजल का स्तर नीचे तेजी से जा रहा है। नदी के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। नदी की भूमि पर लोग अवैध लोगों काबिज होने खतरा है। इसका एसे में अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।

पीली नदी में माह मार्च से ही पानी सूखना शुरू हो गया था। समुचित जल प्रबंधन न होने के कारण यह नदी गर्मी में पूर्णतया सूख जाती है। क्षेत्रवासियों ने शासन प्रशासन से पीली नदी में पानी छोड़वाए जाने की माँग किया है। जनता की बात को अहमियत देते हुए क्षेत्र के विधायक रमेश चंद्र मिश्र ने बताया कि विगत कुछ वर्षो में बारिश कम होने के कारण नदी नाले तो सूख रहे हैं। नदी में जल स्तर सही रहने से गांवों का जलस्तर समृद्ध रहता है। पशु पक्षी को पीने का पानी आराम से मिल जाता। नदी में पानी न रहने के कारण कृषि कार्य भी प्रभावित हो रहा है।

बदलापुर के लिए जीवदायिनी पीली नदी का अस्तित्व बचाने लिए पहल की जा रही है। नदी के पुनरोद्धार से इसके किनारे बसे गांवो के आमजन को लाभ होगा। पर्यावरण समृद्ध होगा। गांवो में जलस्तर बढ़ेगा हरियाली होगी पशु पक्षियों को राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि पीली नदी का जौनपुर जिले में प्रवेश से लेकर गोमती नदी में समाहित होने तक का पूरा प्रवाह और अस्तित्व बदलापुर विधानसभा क्षेत्र में ही है। आम जन के जन जीवन मे नदियों का बहुत महत्व है यह परम सौभाग्य है कि बदलापुर विधानसभा में गोमती नदी और पीली नदी प्रवाहित होती है। पीली नदी बदलापुर विधानसभा क्षेत्र के लिए विशेष महत्व रखती है।

पीली नदी के पुनरोद्धार और गतिशील बनाये रखने के लिए नदी के किनारे बसे गाँव के लोगों को इस पहल से जोड़कर उनका सहयोग लिया जाएगा। नदी में निरंतर जल प्रवाह के साथ उसके किनारो पर वृक्षारोपण करने और सुंदरीकरण करने की कार्ययोजना तैयार की गई है।

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