Explainer : बोइंग 787 विमान का डरावना इतिहास, क्या हादसों से रहा है संबंध?

Air India Flight Boing 787 : मौत की उड़ान के वो पांच मिनट… जिसने देश ही नहीं विदेशों में बैठे लोगों की आंखें भी नम कर दी। 230 यात्रियों को लेकर एयर इंडिया का विमान बोइंग 787 अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर ही रहा था, तभी पायलट सुमित को खतरे का अंदेशा हुआ और कॉल पर Mayday Mayday! चिल्लाया। प्लेन में बैठे यात्री कुछ समझ पाते तबतक प्लेन 800 किलोमीटर की ऊंचाई की हवा से नीचे बीजे हॉस्टल की बिल्डिंग में जा गिरा और इतनी तेज धमाका हुआ कि प्लेन में सवार 242 लोगों में एक यात्री ही जिंदा बचा। बाकी 241 लोगों अधजले व क्षतविक्षत शव ही मिले। ऐसे में बोइंग 787 विमान की चर्चा तेज हो गई है।

इस विमान हादसे के बाद एयर इंडिया के इस विमान की चर्चा जोरों पर हो रही है। अहमदाबाद में जो विमान क्रैश हुआ वह एयर इंडिया का विमान बोईंग 787 ड्रीमलाइनर विमान (B787 VT-ANB) था। हादसे के बाद इस विमान के इतिहास पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। विमान की क्षमता कितनी थी, कितनी ऊंचाई तक दूरी तय कर सकता था? एयर इंडिया विमान की तकनीकी देखरेख कौन कर रहा था और इस विमान को कौन बना रहा है? इस तरह के कई और भी सवाल हैं, जो एयर इंडिया के इतिहास पर प्रश्नचन्ह लगा रहे हैं।

एयर इंडिया का B-787 ड्रीमलाइनर विमान की लंबाई 57 मीटर है जबकि इसके पंखों का फैलाव 60 मीटर तक है। यह विमान 13 हजार 530 किलोमीटर की दूरी तय करने की क्षमता रखता है। यह विमान एक बार की फ्लाइट में 248 यात्रियों को ले जा सकता है।

भारत में कब आया एयर इंडिया का विमान B-787?

दरअसल, गुरुवार को अहमादबाद में एयर इंडिया का B-787 ड्रीमलाइनर विमान जो क्रैश हुआ था, वह साल 2014 में भारत में आया था। 2007 में B787 ड्रीमलाइनर विमान को लंबी दूरी तय करने वाले जेट के रूप में पेश किया था। दो साल बाद, 2009 में B787 ड्रीमलाइनर विमान की पहली उड़ान परीक्षण हुआ था, लेकिन कुछ कारणों की वजह से इसके लॉन्च में दोरी हो गई और भारत में इसे 2014 में एंट्री मिली। तब से लेकर अबतक यह विमान कई उड़ाने भर चुका है।

बैइंग के विमानों का है हादसों से नाता

ऐसा नहीं है कि बोइंग-787 ड्रीमलाइनर विमान पहली बार दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। बोइंग के विमानों का इतिहास काला ही रहा है। इसके कई विमान पहले भी हादसे का शिकार हो चुके हैं। इससे पहले कुछ सालों से बोइंग के विमान787 में यात्रियों की सेफ्टी को लेकर सवाल किए जाते रहे हैं, जिनपर एयरलाइन कंपनी ने प्लेन की डिजाइन को लेकर आश्वासन जताती रही है कि यह सुरक्षित है।

बोइंग विमानों का इतिहास

  • प्लेन क्रैश को लेकर बोइंग का इतिहास काफी दागदार रहा है।
  • 2024 में दक्षिण कोरिया में बोइंग का विमान क्रैश हुआ था।
  • इस हादसे में लगभग 180 लोगों की जान चली गई थी।
  • 2018 के विमान हादसा में 189 लोग और 2019 के विमान हादसा में 157 लोगों की मृत्यु हो गई थी।
  • 2013 में भी एक बार बोइंग के विमान में आग लग गई थी।
  • मार्च 2025 में बोइंग 787-9 के कॉकपिट सीट में खराबी आने से विमान गिर गया था और 50 लोग घायल हो गए थे।
  • एक रिपोर्ट में पाया गया कि बोइंग विमान दुनिया भर में लगभग 6 हजार दुर्घटनाओं में शामिल रहे हैं।
  • इसमें 415 दुर्घटनाएं बहुत घातक थी, जिसमें 9 हजार से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
  • सबसे ज्यादा बिकने वाला यात्री विमान
  • बोइंग कंपनी ने अपने 787 ड्रीमलाइनर विमान को सबसे ज्यादा बिकने वाला यात्री विमान बताया है।
  • इस विमान में आरामदायक कॉकपिट के साथ-साथ बड़े-बड़े केबिन और खिड़कियां भी हैं।
  • पुराने विमानों की तुलना में इसके केबिन का दबाव कम है और हवा में नमी भी ज्यादा है।

पूर्व इंजीनियर ने चेताया था- B787 के कुछ हिस्सों में है समस्या

हालांकि, संघीय विमानन प्रशासन (FAA) ने मई 2024 में कहा था कि बोइंग 787 का फिर से परीक्षण किया जा रहा है। FAA का कहना था कि उन सभी विमानों का भी परीक्षण किया जाएगा, जो अभी सेवा में हैं। इससे पहले बोइंग के पूर्व इंजीनियर ने बोइंग को लेकर आरोप लगाया था कि 787 ड्रीमलाइनर के धड़ के कुछ हिस्सों को गलत तरीके से एक साथ बांधा गया है। पूर्व इंजीनियर ने चेतावनी देते हुए कहा था कि लंबे समय तक इस्तेमाल करने के बाद विमान टूट सकता है। हालांकि, बोइंग के एक प्रवक्ता ने इन दावों को खारिज करते हुए इन्हें गलत बताया था।

बोइंग-787 विमान का निर्माण कौन करता है?

आईए अब जान लेते हैं कि बोइंग विमान 787 का निर्माण किसने किया था? B787 ड्रीमलाइनर का निर्माण अमेरिका की बोइंग कॉमर्शियल एयरलाइन (Boeing Commercial Airplanes) कंपनी ने किया था। विल बोइंग ने अमेरिका के सिएटल में इस कंपनी की शुरुआत की थी। साल 1933 में बोइंग ने अपने विमान का पहल सफल मॉडल 247 तैयार किया था। इस विमान ने उस समय न्यूयॉर्क-सैन फ्रांसिस्को की दूरी 19 घंटों में तय की थी। इन विमानों की डिजाइनें एवरेट फैक्ट्री और रेंटन फैक्ट्री (दोनों सिएटल के बाहर) और साउथ कैरोलिना फैक्ट्री में विशेष इंजीनियरों की टीमों द्वारा की जाती हैं। इसे शुरू में एवरेट में बनाया गया था। बोइंग अब विमान को अपने उत्तरी चार्ल्सटन, एससी, कारखाने में असेंबल करता है।

बोइंग विमानों के कितने वैरिएंट हैं?

बोइंग एयरलाइन कंपनी ने इस विमान के चार वैरिएंट बनाए हैं। B737, B767, B777, B787 परिवार के हवाई जहाज और बोइंग बिजनेस जेट रेंज बनाती है। नए उत्पाद विकास प्रयासों में 737 मैक्स और 777X शामिल हैं। वहीं, बोइंग के जो विमान हादसे का शिकार हुआ है, उस बोइंग विमान के दो प्रकार के इंजन में बनाया जाता है, जो B787-8 और B787-10 हैं। इनमें B787-8 में 248 यात्रियों के लिए सीटें हैं और B787-10 में 336 सीटें होती हैं।

बोइंग ने सबसे ज्यादा विमान भारत को बेचें

बता दें कि बोइंग ने 2,500 से ज़्यादा 787 बेचे हैं, जिनमें से 47 एयर इंडिया को बेचे गए हैं। इसने एयरलाइनों या पट्टेदारों को 1,189 जेट दिए हैं, लेकिन हाल के वर्षों में उत्पादन में देरी की वजह से यह अमेरिका के सबसे बड़े निर्यातक के लिए एक व्यापक कॉर्पोरेट संकट बन गया है।

बोइंग विमान के “Safty Issues” को लेकर बोइंग कंपनी में इंजीनियर रहें सैम सालेहपोर (Sam Salehpour) ने पिछले साल आरोप लगाया था, “बोइंग अपने 787 ड्रीमलाइनर जेट बनाने में शॉर्टकट अपनाती है। बोइंग प्लेन के हिस्से अलग से बनाती है, फिर इन्हें जोड़ती है। इस कारण प्लेन में कई गैप आ जाते हैं, जो कि उसकी लाइफ को कम देते हैं और कई बार खतरा पैदा करते हैं।” यहीं नहीं बोइंग के सीईओ डेव कैलहॉन विमान में कई सेफ्टी इश्यूस के चलते इस्तीफा दे चुके हैं।

ऐसे में यह विमान में आगे भविष्य में भी यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बना हुआ है। बोइंग एयरलाइन कंपनी को इस ओर ध्यान देना होगा। साथ ही भारत को भी इस विमान की उड़ान और खरीद पर बैन लगाना चाहिए।

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