
- स्वामी की चाह बिना गठबंधन न बने यूपी में किसी की सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव अभी दूर हैं लेकिन राजनीति में शह मात का खेल धीरे-धीरे ही सही शुरू होता जा रहा है। उत्तरप्रदेश में बसपा और भाजपा जैसे दलों को साधकर चल चुके फायरब्रांड नेता स्वामी प्रसाद मौर्य, सांसद चन्द्रशेखर की आजाद समाज पार्टी समेत कई अन्य दलों को साथ लेकर गठबन्धन करने की राह पर चल चुके हैं। इस गठबन्धन को लेकर जनता व सहयोगी दलों में मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई संदेह न रहे इसके लिए मुख्यमंत्री पद का संभावित चेहरा स्वामी प्रसाद मौर्य हो सकते हैं।
पूर्व भाजपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य राजनीति में कोई नया नाम नहीं है। अपने आधार वोटों के साथ क्षेत्र में मजबूत पकड़ भी रखते हैं। अपनी सीट के साथ-साथ प्रदेश के कई जिलों में खासा प्रभाव भी रखते हैं। अपने वोटों और रणनीति से किसी भी दल का गणित आसानी से गड़बड़ाने की क्षमता रखते हैं। वर्तमान में अपने राजनैतिक अस्तित्व को बचाने और यूपी की राजनीति में मजबूती के साथ अपनी अलग राह के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य अब प्रदेश में गठबन्धन की राह की ओर चल चुके हैं। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार स्वामी प्रसाद मौर्य गठबन्धन के लिए सभी छोटे और बड़े दलों का सहयोग लेना चाहते है। प्रदेश में बनने वाले इस गठबंधन में वर्तमान सांसद चन्द्रशेखर के साथ कई दलों को उन्होंने साथ में लिया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नगीना से सांसद चन्द्रशेखर उत्तरप्रदेश के कई जिलों में अपने वोटरों के साथ आगे बढ़ रहे हैं जो इस गठबंधन के लिए काफी मुफीद साबित हो सकते हैं। इसके साथ ही अन्य कई छोटे दल भी जो राजनैतिक पकड़ रखते हैं वो भी जल्द ही स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ दिखाई देंगे। सूत्रों के मुताबिक स्वामी प्रसाद मौर्य इस गठबंधन को लेकर काफी संजीदा है कि उत्तरप्रदेश के आगामी चुनावों में उनके गठबंधन के बिना कोई भी सरकार न बना पाये। कुल मिलाकर सत्ता की मास्टर चाबी को वे अपने पास ही रखना चाहते हैं।