
- इधर टेंडर उधर हड़ताल, 2 जुलाई को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण का टेंडर होते ही पूरे देश के 27 लाख बिजली कर्मचारी एक दिन की सांकेतिक हड़ताल करेंगे। 2 जुलाई को उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के समर्थन में देश के सभी प्रदेशों में व्यापक विरोध प्रदर्शन होंगे। 9 जुलाई को देश के बिजली कर्मचारी उप्र में निजीकरण के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स की राष्ट्रीय कोर कमेटी की सोमवार को दिल्ली में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स की दिल्ली में हुई बैठक में ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे, ऑल इंडिया पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल अभिमन्यु धनकड़, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज के जनरल सेक्रेटरी मोहन शर्मा, इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के जनरल सेक्रेटरी सुदीप दत्ता, ऑल इंडिया पावर मेंस फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी आर के शर्मा, तमिलनाडु इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इंप्लाइज फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी ए सेकीजार, इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा, ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के एके जैन ,यशपाल शर्मा और सत्यपाल उपस्थित थे। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स ने केंद्र सरकार से मांग की है कि किसानों, आम घरेलू उपभोक्ताओं और गरीब उपभोक्ताओं के व्यापक हित में केंद्र सरकार तत्काल हस्तक्षेप कर उत्तर प्रदेश में चल रही बिजली की निजीकरण की प्रक्रिया को निरस्त कराए। लखनऊ में आगामी 22 जून को किसानों, आम घरेलू उपभोक्ताओं और बिजली कर्मियों की हो रही महापंचायत में कोऑर्डिनेशन कमेटी के राष्ट्रीय पदाधिकारी सम्मिलित होंगे। 22 जून की महापंचायत बिजली के निजीकरण के विरोध में निर्णायक जन आंदोलन का फैसला लिया जाएगा। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स ने निजीकरण के विरोध में पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों, संविदा कर्मियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं के दमन की निंदा की।