
अगर आपने हाल ही में नई बाइक खरीदी है और 80–100 किमी/घंटा की रफ्तार में चलाकर थ्रिल का मजा ले रहे हैं, तो जरा रुक जाइए! शुरुआती दिनों में की गई ये लापरवाही आपकी बाइक के इंजन को गहरा नुकसान पहुंचा सकती है।
दरअसल, हर नई बाइक के लिए एक “रनिंग-इन पीरियड” होता है, जो बेहद अहम होता है। यह वो समय होता है जब बाइक के इंजन, ट्रांसमिशन और बाकी मैकेनिकल पार्ट्स आपस में सेट हो रहे होते हैं।
क्यों जरूरी होता है रनिंग-इन पीरियड?
जब बाइक नई होती है, तो उसके इंजन और गियर जैसी अहम यूनिट्स के पार्ट्स पूरी तरह एक-दूसरे के अनुरूप नहीं होते। जैसे-जैसे बाइक चलती है, ये पुर्जे एक-दूसरे से घिसते हैं और एक आदर्श तालमेल बनाते हैं।
अगर इस दौर में तेज रफ्तार, अचानक एक्सेलेरेशन या हार्ड ब्रेकिंग की जाए, तो इन हिस्सों में असमान घिसावट हो सकती है, जिससे न केवल इंजन की परफॉर्मेंस कमजोर होती है, बल्कि माइलेज घटती है और बाइक की उम्र भी कम हो जाती है।
पहले 2,000 किलोमीटर में कैसे चलाएं बाइक?
रनिंग-इन पीरियड आमतौर पर पहले 1,500 से 2,000 किलोमीटर तक का होता है। इस दौरान आपको कुछ अहम सावधानियों का पालन करना चाहिए:
- धीरे चलाएं: स्पीड पर कंट्रोल रखें। जैसे बजाज पल्सर 150 के लिए पहले 1,000 किलोमीटर में 45 किमी/घंटा से ज्यादा की रफ्तार न रखने की सलाह है।
- गियर के अनुसार रफ्तार: पहले गियर में 10, दूसरे में 20, तीसरे में 30, चौथे में 35 और पांचवें गियर में 45 किमी/घंटा से ज्यादा न चलाएं।
- अचानक एक्सेलेरेशन और ब्रेकिंग से बचें: इंजन और ट्रांसमिशन पर दबाव पड़ता है।
- पिलियन न बैठाएं: ज्यादा वजन इंजन पर असर डाल सकता है।
- बाइक स्टार्ट करते ही न दौड़ाएं: स्टार्ट करने के बाद कम से कम 1 मिनट तक बाइक को स्टैंड पर ही छोड़ दें, ताकि इंजन ऑयल सभी पार्ट्स में पहुंच सके।
किन बातों का और रखें ध्यान?
- इंजन ऑयल की समय-समय पर जांच करें और पहले 500–1,000 किलोमीटर के बीच पहला ऑयल चेंज जरूर कराएं।
- पहली तीन फ्री सर्विस मिस न करें, यह बाइक की उम्र और परफॉर्मेंस के लिए जरूरी होती है।
- हर राइड से पहले टायर प्रेशर, चेन टेंशन और ब्रेक सिस्टम की जांच करें।
- ज्यादा देर तक बाइक को एक ही स्पीड पर न चलाएं, बीच-बीच में हल्का बदलाव लाते रहें, जिससे इंजन बेहतर तरीके से सेट हो पाए।
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