
सवाई माधोपुर : रणथम्भौर फोर्ट परिसर में सोमवार सुबह एक बाघ ने जैन मंदिर के पुजारी राधेश्याम पर हमला कर उनकी जान ले ली। राधेश्याम शेरपुर गांव के निवासी थे और पिछले 20 वर्षों से रणथम्भौर स्थित जैन मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे थे। बताया जा रहा है कि सुबह वे शौच के लिए बाहर गए थे, तभी बाघ ने अचानक हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया।
यह घटना दो महीने के भीतर बाघ के हमले की तीसरी घटना है, जिससे क्षेत्र में दहशत और आक्रोश फैल गया है। हालांकि वन विभाग ने अब तक हमले से मौत होने की पुष्टि नहीं की है।
घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए और आक्रोशित होकर सवाई माधोपुर–कुंडेरा मार्ग को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुजारी के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की।
वन विभाग की ओर से हाल ही में टाइगर मूवमेंट को देखते हुए रणथम्भौर दुर्ग में आमजन के प्रवेश पर रोक लगाई गई थी, लेकिन मंदिर में नियमित सेवा देने वाले पुजारी के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई थी।
दो महीने में बाघ के हमले की यह तीसरी घटना है। 21 अप्रैल को बाघिन कनकटी ने त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर सात वर्षीय बच्चे पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। बच्चा अपनी दादी के साथ दर्शन कर लौट रहा था।
इसके बाद 12 मई को रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के जोन-तीन में जोगी महल के पास ट्रैकिंग कर रहे एक वन रेंजर को बाघ ने मार डाला। हमला इतना भीषण था कि टाइगर शव पर लगभग 20 मिनट तक बैठा रहा। अब नौ जून को रणथम्भौर फोर्ट स्थित जैन मंदिर के पुजारी पर हमला कर बाघ ने तीसरी जान ले ली। स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि वन विभाग जल्द ठोस कदम नहीं उठाता तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच चुकी है और मामले की जांच जारी है।