
इंफाल। मणिपुर के इंफाल ईस्ट जिले में एंड्रो सेंटर के अंतर्गत यारीपोक तुलिहाल में स्थित उप-विभागीय कलेक्टर (एसडीसी) के कार्यालय में आज रात अज्ञात बदमाशों ने आग लगा दी।
यह घटना रविवार रात रीब 7:45 बजे हुई। आग पर काबू पाने के लिए दमकल विभाग की गाड़ियां लगी रहीं लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद एसडीसी कार्यालय को आग की लपटों से नहीं बचाया जा सका। कार्यालय की इमारत और महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेजों को भारी नुकसान पहुंचा है।
पुलिस और सुरक्षा बलों ने सरकारी कार्यालय में आग की घटना में शामिल बदमाशों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए यारीपोक तुलिहाल में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है। हादसे में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली है।
मैतेई नेता की गिरफ्तारी के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, बिष्णुपुर जिले में पूर्ण कर्फ्यू, इंटरनेट सेवा बंद
- पांच जिलों में बीएनएसएस की धारा 163 लागू, राज्यपाल से मिले विभिन्न दलाें के 25 विधायक और सांसद के प्रतिनिधिमंडल
मैतेई समुदाय के संगठन अरंबाई टेंगोल के अग्रणी नेता कन्हन सिंह काे शनिवार रात सीबीआई गिरफ्तारी के बाद मणिपुर में फिर से हिंसा भड़क गई है। रविवार सुबह पूर्वी और पश्चिमी इंफाल से जलते हुए वाहनों, सड़क जाम और दुकानों के बंद होने की कई तस्वीरें आईं हैं।
अशांति और दहशत के माहौल काे देखते हुए इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। पुलिस और अर्धसैनिक बल संबंधित संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त कर रहे हैं। प्राप्त तस्वीरों में रात भर संगठित हिंसा के सबूत दिख रहे हैं।
वहीं, प्रदेश के पांच जिलों में बढ़ती हिंसा के मद्देनजर 25 विधायकों और एक सांसद के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की। ताजा हिंसा पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से स्थिति से निपटने के लिए उचित कदम उठाने का आग्रह किया।
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से कर्फ्यू और इंटरनेट सेवा बाधित होने के मद्देनजर स्पष्टीकरण और उचित हस्तक्षेप की मांग की है। राज्यपाल से मुलाकात करन के बाद राजभवन से बाहर आए कांग्रेस विधायक ओकराम सूर्यकुमार ने चिंता जताते हुए कहा कि अरमबाई टेंगोल के पांच बेटों को गिरफ्तार किया गया है। उनकी गिरफ्तारी का कारण अभी बताया नहीं गया है। इससे लोगों में अशांति और दहशत का माहौल है। साथ ही इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। अगर सरकार ऐसे संवेदनशील कदम उठाना चाहती है तो हमने राज्यपाल से इन सभी मामलों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।
इसके अलावा, प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में शामिल भाजपा विधायक खंगवंतबाम इबोम्चा ने अरंबाई टेंगोल के खिलाफ सरकार के रुख पर जोर देते हुए कहा, हमने गिरफ्तार सदस्यों की रिहाई के लिए राज्यपाल से अपील की है। सरकार ने हाल ही में आई बाढ़ के दौरान अरंबाई टेंगोल के योगदान को मान्यता दी है।
शनिवार रात कानन सिंह की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश में स्थिति और खराब हो गई। नागरिकों में व्यापक दहशत फैल गई। कई इलाकों में सड़क जाम और स्वतःस्फूर्त बंद हो रहे हैं। हिंसा को रोकने के लिए राज्य प्रशासन ने इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल और काकचिंग जिलों में सीआरपीसी की धारा 163 लागू कर दी है, जिसमें चार या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा बिष्णुपुर जिले में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया है।
कानन सिंह की गिरफ्तारी सीबीआई जांच से संबंधित है। अन्य चार लोगों को उस दिन घटना के दौरान उनके साथ होने के कारण गिरफ्तार किया गया था। इस संबंध में राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि, घटना की जांच चल रही है। अगर वे घटना में शामिल नहीं हैं, तो उन्हें जल्द रिहा कर दिया जाएगा।