
बेंगलुरु। कर्नाटक भाजपा ने चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई भगदड़ को लेकर रविवार को राज्य सरकार के खिलाफ विधान सौधा में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया। भाजपा नेताओं ने राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगा। साथ ही घटना पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की। आईपीएल में आरसीबी की विक्ट्री परेड में भगदड़ के दौरान 11 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गये थे।
भाजपा नेताओं ने रविवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ को लेकर राज्य सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया। भाजपा नेताओं ने विधान सौधा में प्रदर्शन के दौरान पीड़ितों के परिजनों के लिए मुआवजे की राशि को 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये करने, कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई में न्यायिक जांच कराने तथा अधिकारियों को निलंबित करने के बजाय मंत्रियों के इस्तीफे की मांग की है। भाजपा ने इस घटना पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की है।
विधान सौधा में नेता प्रतिपक्ष भाजपा नेता आर. अशोक और विधान परिषद् में विपक्ष के नेता चलवडी नारायणस्वामी के नेतृत्व में आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान नेताओं ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और गृह मंत्री परमेश्वर के तत्काल इस्तीफे की मांग की।
नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने सवाल उठाया कि पुलिस अधिकारियों की लिखित चेतावनी को नज़रअंदाज़ कर सरकार की ओर से जीत का जश्न मनाने की अनुमति क्यों दी गई? पुलिस अधिकारियों की चेतावनियों के बावजूद जीत का जश्न मनाने पर कौन अड़ा था? दरअसल, कर्नाटक विधान सौधा सुरक्षा प्रभाग के पुलिस उपायुक्त ने 4 जून को सरकार को लिखे पत्र में स्पष्ट रूप से कहा था कि आरसीबी टीम के विजय उत्सव के आयोजन के लिए अधिक समय, तैयारी और एहतियाती उपायों की आवश्यकता है।
भाजपा नेता पी. राजीव ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की गलत राजनीतिक मंशा के कारण 11 लोगों की जान चली गई। उन्हें जिम्मेदारी लेनी होगी। उपमुख्यमंत्री मुख्य अपराधी हैं। उन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। कर्नाटक सरकार को प्रत्येक मृतक के लिए कम से कम 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देना चाहिए।
प्रदर्शन में पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. सी. एन. अश्वथ नारायण, गोविंदा करजोल, विपक्ष के उपनेता अरविंद बेलाड, राज्य महासचिव पी. राजीव, सांसद, विधायक, परिषद सदस्य और अन्य पार्टी नेता मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए घोषित मुआवजा राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये प्रति परिवार कर दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाकर 25-25 लाख रुपये करने का आदेश दिया है।
कर्नाटक सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जॉन माइकल कुन्हा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी भगदड़ के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए एहतियाती उपाय भी सुझाएगी। आयोग को 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। इस मामले में एक न्यायिक जांच भी की जा रही है। जांच आयोग के अध्यक्ष आवश्यकता पड़ने पर तकनीकी और कानूनी सहायता के लिए एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी की सेवाएं भी ले सकते हैं।
कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) के अध्यक्ष रघुराम भट्ट ने शनिवार को प्रबंधन समिति को भंग करने से इनकार कर दिया। उन्होंने बताया कि सचिव ए. शंकर और कोषाध्यक्ष ईएस जयराम का इस्तीफा एक आपातकालीन बैठक में स्वीकार कर लिया गया है। इन दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने आईपीएल चैंपियन आरसीबी के विजय समारोह के दौरान मची भगदड़ की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने-अपने पदों से इस्तीफा दिया था।
यह हादसा 4 जून की शाम चिन्नास्वामी स्टेडियम के सामने हुई थी, जहां बड़ी संख्या में लोग आरसीबी टीम की आईपीएल में जीत के जश्न में भाग लेने के लिए उमड़े थे। इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 50 से अधिक घायल हो गए थे।
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