खाद्य जनित बीमारियों को कम करने में सुरक्षित और स्वच्छ भोजन की महत्वपूर्ण भूमिका : जेपी नड्डा

नई दिल्ली। दुनियाभर में आज विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने खाद्य जनित बीमारियों को कम करने में सुरक्षित और स्वच्छ भोजन की आवश्यक भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया।

नड्डा ने एक्स पोस्ट में कहा कि भोजन वह ईंधन है जो हमें हर दिन आगे बढ़ने में मदद करता है। जब हम खाद्य सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो हम अपने स्वास्थ्य और हर जगह परिवारों की भलाई की रक्षा कर रहे होते हैं। इस वर्ष की थीम, “खाद्य सुरक्षा: विज्ञान की कार्रवाई,” इस बात का जश्न मनाती है कि कैसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी हर स्तर पर हमारे भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा की रक्षा कर रही है।

उल्लेखनीय है कि खाने से होने वाले किसी भी तरह के खतरे को कम करने और उसे पकड़ने के लिए ही फूड सेफ्टी डे मनाया जाता है। पहली बार विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 7 जून 2019 को मनाया गया था। वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे को 18 दिसंबर को यूनाइटेड नेशन जनरल एसेंबली ने फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के साथ मिलकर बनाया। इस दिन को मनाने का उद्देश्य स्वास्थ्य, भूख और खेती से जुड़े लक्ष्यों को पाने के साथ खाने की सुरक्षा की जरूरतों पर ध्यान दिलाने के लिए किया गया।

क्यों जरूरी है वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे-

खाने की सुरक्षा किसी आम जनता का मौलिक अधिकार है। गंदे और असुरक्षित खाने से हार्मफुल बैक्टीरिया, वायरस, पैरासाइट और कैमिकल होते हैं जो लगभग 200 बीमारियों को जन्म दे सकते हैं। इसमें डायरिया से लेकर कैंसर तक शामिल है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के अनुसार लगभग 6 मिलियन लोग प्रदूषित खाना खाकर हर साल बीमार पड़ जाते हैं। वहीं प्रदूषित खाने से करीब चार लाख बीस हजार मौतें भी हो चुकी हैं।

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