
- गोकुलपुर आयुष्मान आरोग्य मंदिर एनक्वास प्रमाणन के लिए हो रहा तैयार
बहराइच। रिसिया ब्लॉक के हरिहरपुर मजरे में स्थित गोकुलपुर आयुष्मान आरोग्य मंदिर इन दिनों बदलाव की नई इबारत लिख रहा है। यहां आगामी 9 जून को केंद्रीय टीम द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) के अंतर्गत मूल्यांकन होना है। इसके लिए जहां स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारियों में जुटा है, वहीं ग्राम प्रधान भगौती प्रसाद वर्मा की सक्रिय भागीदारी इस प्रयास को एक अलग ही ऊंचाई दे रही है।
प्रधान वर्मा बीते आठ दिनों से तैयारियों की कमान संभाले हुए हैं। सीएचओ शमा बानों ने बताया कि ग्राम प्रधान ने केंद्र परिसर में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था, दीवारों की पेंटिंग, स्वच्छता, शौचालय सफाई, कूड़ा प्रबंधन और ठोस अपशिष्ट निपटान जैसी व्यवस्थाएं व्यक्तिगत निगरानी में पूरी कराईं। इसके अलावा वाटर फिल्टर चैंबर का निर्माण भी कराया गया।
एएनएम आरती सिंह, बीसीपीएम वीरेंद्र, सीएचओ सहित आशा कार्यकर्ता और अन्य स्वास्थ्यकर्मी इस सामूहिक तैयारी में लगे हैं। लेकिन ग्राम प्रधान की भूमिका इस व्यवस्था की रीढ़ बनकर उभरी है। प्रधान भगौती प्रसाद का कहना है, “स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ एक भवन नहीं, गांव की सेहत की नींव है। इसकी गुणवत्ता हमारी ज़िम्मेदारी है।”
गांव के लोगों का कहना है कि लंबे समय बाद उन्होंने अपने स्वास्थ्य केंद्र को इस रूप में देखा है—साफ-सुथरा, व्यवस्थित और सेवाओं के लिए तैयार। डिस्ट्रिक्ट कंसल्टेंट क्वालिटी एश्योरेंस डॉ. शैलेन्द्र तिवारी ने बताया कि एनक्वास प्रमाणन स्वास्थ्य केंद्रों पर दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करता है। हरिहरपुर आरोग्य मंदिर का यह प्रयास अन्य केंद्रों के लिए भी एक प्रेरक मॉडल बन सकता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय शर्मा ने बताया कि जनपद के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर हीमोग्लोबिन, प्रसव पूर्व जांच, शुगर, मलेरिया, डेंगू, टीबी, एचआईवी, हेपेटाइटिस-बी और सिफलिस सहित 14 प्रमुख जांच सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध हैं।
साथ ही, एनीमिया और कुपोषण का इलाज, मासिक धर्म स्वच्छता, परिवार नियोजन, बुजुर्गों की देखभाल और आपात प्राथमिक चिकित्सा जैसी सेवाएं भी दी जा रही हैं। एनक्वास प्रमाणन से इन सेवाओं में गुणवत्ता और भरोसा और अधिक मजबूत होगा।जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि एनक्वास प्रमाणन से ग्रामीणों को नजदीक ही गुणवत्तापूर्ण और सम्मानजनक स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। इससे गंभीर बीमारियों की समय पर पहचान और इलाज संभव होगा और स्वास्थ्य परिणामों में सुधार आएगा।
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