
योग हमारे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक है। इनमें से एक अत्यंत प्रभावशाली लेकिन सरल योग मुद्रा है — पवनमुक्तासन। यह विशेष रूप से पेट और पाचन तंत्र की समस्याओं के लिए जाना जाता है, और नियमित अभ्यास से कुछ ही हफ्तों में इसके प्रभाव नजर आने लगते हैं।
क्या है पवनमुक्तासन?
‘पवनमुक्तासन’ का शाब्दिक अर्थ है — वायु (गैस) को मुक्त करने वाला आसन। यह पेट की गैस, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए बेहद कारगर माना जाता है। इसके साथ ही यह कमर, पीठ और पेट की मांसपेशियों को भी मजबूती देता है।
पवनमुक्तासन के फायदे (Benefits of Pawanmuktasana)
- गैस और अपच में राहत
– यह आसन पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और गैस की समस्या को कम करता है। - पेट की चर्बी कम करने में मददगार
– नियमित अभ्यास से अतिरिक्त वसा घटती है और पेट का आकार नियंत्रित होता है। - मेटाबॉलिज्म को मजबूत बनाता है
– शरीर की चयापचय क्रिया को सुधारता है, जिससे वजन नियंत्रित रहता है। - कमर और पीठ दर्द में राहत
– रीढ़ की हड्डी को स्ट्रेच करता है और पीठ की अकड़न कम करता है। - महिलाओं को माहवारी में राहत
– मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द में आराम देता है।
कैसे करें पवनमुक्तासन (Step-by-Step Guide)
- पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं, दोनों पैर सीधे और हाथ शरीर के पास रखें।
- दाएं घुटने को मोड़ें और दोनों हाथों से जांघ को पकड़कर पेट की ओर खींचें।
- सिर उठाकर ठोड़ी को घुटनों से मिलाएं।
- 10–15 सेकंड इसी स्थिति में रहें, फिर धीरे-धीरे सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
- अब यही प्रक्रिया बाएं पैर के साथ दोहराएं, फिर दोनों पैरों से एक साथ करें।
- इस आसन को 3 से 5 बार दोहराएं।
⏰ सुबह खाली पेट अभ्यास करना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है।
पवनमुक्तासन करते समय रखें ये सावधानियां
- गर्भवती महिलाएं यह आसन न करें।
- हाल ही में पेट की सर्जरी से गुज़रे लोगों को इससे परहेज करना चाहिए।
- अगर पेट या पीठ में कोई गंभीर समस्या है तो डॉक्टर या योग विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
- आसन के दौरान झटके न दें, धीमी और नियंत्रित गति में अभ्यास करें।
विशेषज्ञ की राय
योग गुरु और ऑप्टोमेट्रिस्ट के अनुसार:
“पवनमुक्तासन को जीवनशैली का हिस्सा बनाने से न केवल पाचन सुधरता है बल्कि शरीर हल्का, लचीला और ऊर्जावान महसूस करता है।”