
लखीमपुर। जिले में मंगलवार को एक ह्रदयविदारक हादसे में जिले के परियोजना अधिकारी डॉ. अजय कुमार सिंह का निधन हो गया। डॉ. सिंह लखीमपुर खीरी जनपद के विकास से सीधे तौर पर जुड़े हुए थे और जनकल्याणकारी योजनाओं की ज़मीनी निगरानी में उनकी सक्रिय भूमिका रही थी।
मंगलवार सुबह वे लखनऊ से लखीमपुर लौट रहे थे, तभी सीतापुर जिले के हरगांव थाना क्षेत्र के काली माता मंदिर के पास उनकी कार अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें जिला अस्पताल खीरी (ओयल) लाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।

परियोजना अधिकारी की सड़क हादसे में मौत
जानकारी के अनुसार जनपद में विकास योजनाओं की निगरानी और क्रियान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले परियोजना अधिकारी डॉ. अजय कुमार सिंह का मंगलवार सुबह सड़क हादसे में दुखद निधन हो गया। वे लखनऊ से ब्रेज़्ज़ा कार (UP 78 EW 7178) में सवार होकर अपने सहयोगी नीतीश कुमार के साथ लखीमपुर खीरी आ रहे थे। सुबह लगभग 8:40 बजे हरगांव थाना क्षेत्र के काली माता मंदिर के पास कार अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई।
हादसा इतना भीषण था कि दोनों अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए। राहगीरों और स्थानीय लोगों ने तुरंत एम्बुलेंस की मदद से दोनों घायलों को सीएचसी हरगांव पहुंचाया। डॉक्टरों ने डॉ. अजय की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें तत्काल जिला अस्पताल खीरी (ओयल) रेफर किया, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। नीतीश कुमार की हालत भी चिंताजनक बनी हुई है और उनका इलाज ओयल स्थित जिला अस्पताल में चल रहा है।
पति की मौत की खबर सुनकर पत्नी-बेटा करने जा रहा था सुसाइड
डॉ. अजय कुमार सिंह की मृत्यु की खबर मिलते ही जिला मुख्यालय पर शोक की लहर दौड़ गई। मृतक अधिकारी की पत्नी रेनू व बेटा आयुष्मान पिता की मौत की खबर सुन कर लखनऊ के बख्शी का तालाब थाना स्थित नेशनल हाइवे व रेलवे ट्रैक पर सुसाइड करने के लिए जा रहे थे तभी राहगीरों ने देख उन्हें दौड़ कर पकड़ लिया। जिसके बाद घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों मां बेटे को लेकर थाने लाकर पूछ ताछ में जुटी हुई है। कलेक्ट्रेट, विकास भवन और विभिन्न विभागों के अधिकारी स्तब्ध रह गए।
घटना की सूचना पर थाना हरगांव पुलिस मौके पर पहुंची। प्रभारी निरीक्षक दीपक तिवारी ने बताया कि परिजनों को सूचित कर दिया गया है और मौके पर शांति व्यवस्था बनाए रखी गई है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
बता दें कि डॉ. सिंह को एक कर्मठ और सहज स्वभाव के अधिकारी के रूप में जाना जाता था, जो योजनाओं की प्रगति की नियमित निगरानी करते थे और क्षेत्रीय भ्रमण में भी सदैव तत्पर रहते थे।
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