
इस्कॉन : कोलकाता से बड़ी खबर सामने आई है, जहां इस्कॉन द्वारा आयोजित प्रसिद्ध रथ यात्रा में इस साल ऐतिहासिक बदलाव किया गया है। पिछले 48 वर्षों से चली आ रही परंपरा को तोड़ते हुए, रथों पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के बैठने वाले पहियों को सुखोई लड़ाकू विमान के टायरों से सुसज्जित किया गया है।
इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने बताया कि सुखोई विमान के टायरों का डायमीटर बोइंग के टायर्स से मिलता-जुलता है। इसी वजह से, इस साल रथ के पहिए इन्हीं टायरों से लगाए गए हैं। यह बदलाव इसलिए किया गया है, क्योंकि बोइंग के टायरों का प्राप्त करना काफी कठिन हो गया है। पिछले कई वर्षों से बोइंग के टायर्स का रिप्लेसमेंट खोजा जा रहा था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है।
परंपरा में बदलाव क्यों?
इससे पहले, रथ को बोइंग विमान के पुराने टायरों की मदद से खींचा जाता था। लेकिन अब नई तकनीक और परंपरा के इस अनूठे संगम ने इस्कॉन की परंपरा को नई दिशा दी है। राधारमण दास ने कहा कि जब इस्कॉन ने सुखोई बनाने वाली कंपनी से टायर का कोटेशन मांगा, तो कंपनी हैरान रह गई। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि कोई रथ यात्रा के लिए टायर क्यों मांग रहा है। इसके बाद, इस्कॉन ने कंपनी को पूरी स्थिति स्पष्ट की और कोलकाता में टीम को रथ दिखाया, जिसके बाद कंपनी ने चार टायर उपलब्ध कराए हैं। वर्तमान में इन्हीं पहियों को रथ में लगाया जा रहा है।
टायरों से सुसज्जित रथ में सवार होंगे भगवान जगन्नाथ
यह बदलाव तकनीकी दृष्टि से बड़ा कदम है, लेकिन इससे परंपरा और आधुनिकता का अनूठा मेल भी देखने को मिल रहा है। रथ पर भगवान जगन्नाथ सुखोई के टायरों से सुसज्जित होकर भक्तों को दर्शन देंगे, जो इस रथ यात्रा का एक नया अध्याय है।
यह बदलाव न केवल रथ यात्रा की तकनीकी विविधता को दर्शाता है, बल्कि परंपरा और आधुनिकता के सही संगम का प्रतीक भी है। श्रद्धालु इस बार भगवान जगन्नाथ की नई सवारी को देखकर अभिभूत होंगे, और यह रथ यात्रा के इतिहास में एक नई मिसाल कायम करेगा।
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