
लखनऊ। लखनऊ के सुल्तानपुर रोड स्थित अहिमामऊ क्षेत्र में अवैध डग्गामार बसों का कारोबार दिन-दहाड़े फल-फूल रहा है। ये बसें न सिर्फ रोडवेज को भारी नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि रोजाना लगने वाले जाम का भी मुख्य कारण बन चुकी हैं। सवाल उठता है कि आखिर किसकी सरपरस्ती में ये अवैध संचालन जारी है?
जाम का कारण, कमाई का जरिया
इन डग्गामार बसों की वजह से सुल्तानपुर रोड पर हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं, ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से यह पूरा खेल बेरोकटोक चल रहा है। सूत्रों की मानें तो इस गोरखधंधे से कुछ अधिकारी मालामाल हो रहे हैं।
जिम्मेदारों की चुप्पी
डग्गामार बसों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। जब दैनिक भास्कर की टीम ने इस विषय पर आरटीओ इन्फोर्समेंट अधिकारी संदीप कुमार से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने कोई ठोस जवाब देने की बजाय टालमटोल रवैया अपनाया। यह रवैया कई सवाल खड़े करता है।
सरकार की मंशा बनाम जमीनी हकीकत
उत्तर प्रदेश सरकार एक ओर यातायात व्यवस्था और सड़क जाम की समस्या को लेकर गंभीर दिखती है, लेकिन दूसरी ओर विभागीय अधिकारी और कर्मचारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। आखिर क्यों? क्या अवैध बस माफियाओं और दलालों के आगे शासन-प्रशासन भी नतमस्तक है?
जनता पूछ रही है — कब जागेंगे जिम्मेदार?
अहमामऊ में हो रहे इस खुलेआम अवैध कारोबार ने न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि सरकार की नीयत और कार्यप्रणाली को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है। अब देखना यह है कि क्या कोई बड़ा अधिकारी या जनप्रतिनिधि इस मामले में हस्तक्षेप करेगा या यह खेल यूं ही चलता रहेगा?
यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में अबकी बार मई में 53 जिलों में हुई बारिश, टूटे रिकॉर्ड











