
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महायुति सरकार ने शुरू की गई लड़की बहिन योजना को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। वर्तमान में राज्य में भाजपा के देवेंद्र फडणवीस की सरकार के दौरान, इस योजना की जांच में पता चला है कि 2200 से अधिक सरकारी कर्मचारी भी इस योजना का लाभ प्राप्त कर रहे थे।
नवंबर 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले, महायुति सरकार ने महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की थी। इसके तहत, 21 से 65 वर्ष के पात्र महिलाओं को प्रति माह 1500 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की गई थी, और कई महिलाओं को इसका लाभ भी मिला था।
जांच में पता चला कि इस योजना के लाभार्थियों की सूची में सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं, जो पात्रता मानदंड का उल्लंघन है। महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि इस योजना का लाभ लेने वाले करीब 2 लाख आवेदनों की जांच के दौरान 2289 सरकारी कर्मचारियों की पहचान हुई है।
तटकरे ने यह भी स्पष्ट किया कि इन लाभार्थियों को अब योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा और सत्यापन की प्रक्रिया जारी रहेगी। उन्होंने कहा, “लाभार्थियों का सत्यापन एक नियमित प्रक्रिया है, और हम केवल पात्र महिलाओं को ही इसका लाभ सुनिश्चित करेंगे।”
यह खुलासा राज्य के खजाने पर भारी बोझ डालने वाले इस कार्यक्रम की व्यापकता को दिखाता है। महायुति नेताओं ने इस योजना को 2024 के विधानसभा चुनाव में मिली सफलता का श्रेय दिया है, लेकिन साथ ही स्वीकार किया है कि इससे राज्य के वित्तीय संसाधनों पर दबाव पड़ा है।
महाराष्ट्र सरकार का यह कदम अब राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि इससे योजना की पारदर्शिता और पात्रता मानदंडों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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