
- मनरेगा में भ्रष्टाचार की बू, किसान यूनियन ने दी आंदोलन की चेतावनी
लखीमपुर खीरी। जनपद के ब्लॉक बांकेगंज की ग्राम पंचायत भरगमा में पंचायत मित्र द्वारा मनरेगा योजना के अंतर्गत फर्जी हाजिरी दर्ज करने का गंभीर मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि मस्टर रोल में उन लोगों की उपस्थिति दर्ज की गई है, जो वास्तव में कभी कार्यस्थल पर नजर नहीं आए। इस संदर्भ में मानसिंह पुत्र लालाराम एवं भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधियों ने खंड विकास अधिकारी (बांकेगंज) को एक लिखित शिकायत सौंपते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
फर्जी हाजिरी से सरकारी धन का दुरुपयोग
ग्रामीणों के अनुसार, पंचायत मित्र ने ऐसे व्यक्तियों के नाम मस्टर रोल में चढ़ाए हैं जो मनरेगा के अंतर्गत श्रम कार्य करने में सक्षम ही नहीं हैं। हलवाई, नाई और टेलर मास्टर जैसे पेशेवरों की उपस्थिति मनरेगा की साइट पर दर्शाई गई है, जबकि इनका श्रमिक के रूप में कार्य करना असंभव प्रतीत होता है। ग्रामीणों का तर्क है कि ऐसे लोगों की दैनिक आमदनी ₹500 से ₹1000 तक होती है, ऐसे में मनरेगा की मजदूरी स्वीकार करना तर्कसंगत नहीं है।
फोटो अपलोड न होने पर भी दर्ज हुई उपस्थिति
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि इन कथित मजदूरों की काम करते हुए कोई तस्वीर मनरेगा पोर्टल पर अपलोड नहीं की गई है, जो कि अनिवार्य प्रक्रिया का उल्लंघन है। इससे यह स्पष्ट होता है कि उपस्थिति फर्जी तरीके से दर्ज की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह के कृत्य से न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है, बल्कि वास्तविक मजदूरों को उनके अधिकारों से वंचित किया गया है।
खंड विकास अधिकारी ने सौंपी जांच, ग्रामीणों के दर्ज हुए बयान
मामले की गंभीरता को देखते हुए खंड विकास अधिकारी बांकेगंज ने जांच का जिम्मा सहायक खंड विकास अधिकारी को सौंपा है। जांच अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर पंचायत भवन भरगमा में ग्रामीणों के एक-एक करके बयान दर्ज किए। ग्रामीणों ने दस्तावेज़ों और मस्टर रोल की प्रतियां दिखाकर आरोपों को पुष्ट करने की कोशिश की।
किसान यूनियन ने दी आंदोलन की चेतावनी
भारतीय किसान यूनियन ने अपने प्रार्थना पत्र में स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि दोषियों के खिलाफ शीघ्र और कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो यूनियन विकासखंड मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन करेगी। यूनियन का कहना है कि यदि प्रशासन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो इसकी जिम्मेदारी खंड विकास अधिकारी की होगी।
ग्रामीणों की मांग: हो निष्पक्ष जांच, हो दंडित दोषी
ग्रामीणों ने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच कराई जाए तथा जो भी पंचायत मित्र या अन्य कर्मचारी इस भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाएं, उनके विरुद्ध विधिसम्मत कार्यवाही की जाए। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते ऐसे मामलों पर लगाम नहीं लगाई गई तो यह योजना केवल कागजों तक सीमित रह जाएगी और गरीब मजदूरों का हक मारा जाएगा।
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