
- प्राइवेट बसें बंद करवाकर अपनी रोडवेज बसें भी हटा ली
जालौन। उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की आधा दर्जन से अधिक बस सेवा के बंद होने से ग्रामीण क्षेत्र की यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । ज्ञात हो कि कुछ समय पूर्व रामपुरा जगम्मनपुर ग्रामीण क्षेत्र से लगभग 32 प्राइवेट बसें संचालित होती थी जो जगम्मनपुर से उरई एवं औरैया तथा रामपुरा से माधौगढ़ बंगरा होते हुए एवं रामपुरा वाया ऊमरी गोहन रूट से उरई जाती थी। चूंकि इन प्राइवेट बसों से आने जाने में समय अधिक लगता था।
इसी बीच उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम ने उरई से जगम्मनपुर कंजौसा दिल्ली, जगम्मनपुर से उरई महोबा चित्रकूट, जगमनपुर से झांसी , कंझारी से ऊमरी झांसी ,महाराजपुरा से कानपुर, उरई से जगम्मनपुर चकरनगर उदी मोड होते हुए आगरा, उरई से जगम्मनपुर आगरा होते हुए जयपुर, जगम्मनपुर से उरई महोबा होते हुए प्रयागराज ,सिद्धपुरा से रामपुरा उरई होते हुए हमीरपुर सहित कई रूटों पर बसें संचालित की गई ग्रामीण स्तर पर बस चालक परिचालकों को रात्रि में रुकने की ग्रामीण स्तरीय समुचित सुरक्षित व्यवस्था भी उपलब्ध कराई गई ।
रोडवेज बस सुविधा मिलते ही यात्रियों ने देर से गंतव्य तक पहुंचाने वाली प्राइवेट बसों को बाय-बाय टाटा कहकर रोडवेज बसों से सफर करना शुरू कर दिया । परिवहन निगम की गाड़ियां खचाखच भरकर आने जाने लगी परिणाम स्वरुप प्राइवेट बसों का संचालन घाटे में जाने के कारण धीमे-धीमे लगभग 25-26 बसें उनके मालिकों के दरवाजे पर टिककर अंतोगत्वा कबाडे में बिक गई और राज्य परिवहन निगम की बसों का यह हाल हुआ कि कभी कोरोना कभी कुंभ मेला कभी निर्वाचन ड्यूटी के नाम पर धीरे-धीरे उक्त सभी परिवहन निगम की बसों का संचालन बंद हो गया और ग्रामीण क्षेत्र का यात्री “दोऊ दीन से गए पांड़े” को चरितार्थ करती लोकोक्ति अंदाज में ठगा सा खड़ा रह गया।
अब ग्रामीणों कहीं आने-जाने के लिए भाड़े पर चार पहिया कार से अथवा टैक्सी या अपने निजी दो पहिया चार पहिया वाहन से यात्रा करने को मजबूर हो गया। छोटे प्राइवेट वाहनों की सड़क पर अचानक से संख्या बढ़ गई परिणाम स्वरूप दुर्घटनाओं में भी इज़ाफ़ा हुआ तथा परिवहन में लोगों का अधिक धन भी व्यय होने लगा एवं लंबे सफर में जाने के लिए किसी शहर से वाहन पकड़ने को मजबूर हो गया ।
एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्र को परिवहन से जोड़ने का संकल्प लेकर काम कर रही है वहीं दूसरी तरफ जनपद जालौन के राज्य परिवहन अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों को और नई बसें देने के बजाय पहले से संचालित पुरानी बसों को भी बंद करके शासन के लोक कल्याणकारी संकल्प पर पानी फेरते हुए नजर आ रहे हैं। क्षेत्रीय ग्रामीणों ने जिलाधिकारी जालौन एवं राज्य परिवहन निगम (रोडवेज) के अधिकारियों से ग्रामीण क्षेत्र से पुनः रोडवेज बसों को संचालित करने की मांग की है।
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