
जबलपुर (मध्य प्रदेश): मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो फिल्म ‘3 इडियट्स’ की स्क्रिप्ट को भी पीछे छोड़ता नजर आता है। यहां एक युवक ने दूसरे के नाम और दस्तावेज़ों का उपयोग कर एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर ली, अस्पताल में फर्जी डॉक्टर बनकर इलाज भी किया – और ये राज एक मरीज की मौत के बाद सामने आया।
बृजराज उईके बना डॉक्टर, लेकिन असल में इलाज कर रहा था सत्येंद्र निषाद

यह मामला तब खुला जब मनोज कुमार महावर नामक व्यक्ति की मां की मौत इलाज के दौरान हो गई और वह ड्यूटी डॉक्टर से मिलने पहुंचे। अस्पताल ने डॉक्टर का नाम बताया – बृजराज उईके। लेकिन जब मनोज ने गहराई से जांच की, तो पता चला कि असली बृजराज तो एक सिवनी निवासी पेंटर है, और डॉक्टर के नाम पर इलाज कर रहा व्यक्ति असल में प्रयागराज निवासी सत्येंद्र निषाद है।
2012 में लिया था एडमिशन, 2018 में मिली फर्जी डिग्री

जांच में सामने आया कि सत्येंद्र ने 2012 में बृजराज के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर में एडमिशन लिया और 2018 में फर्जी तरीके से MBBS की डिग्री प्राप्त कर ली। इसके बाद उसने दो साल कॉलेज में प्रैक्टिस भी की।
सत्येंद्र ने बृजराज की जगह अपनी फोटो लगाकर मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाया और खुद को गोंड जनजाति का बताकर आरक्षण का लाभ भी लिया।
पेशेंट की मौत से खुला मामला, पुलिस कर रही जांच
मनोज महावर की मां की मृत्यु के बाद, उन्होंने डॉक्टर से मिलने की कोशिश की। अस्पताल ने मिलने से इनकार किया, जिससे शक गहराया। खुद तहकीकात शुरू की और बृजराज के परिवार से संपर्क किया, तब जाकर यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ।
पुलिस की कार्रवाई जारी, अस्पताल प्रबंधन भी जांच के घेरे में
एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा के अनुसार, “सत्येंद्र निषाद फिलहाल फरार है। उसकी फोटो पुलिस के पास है और गिरफ्तारी के लिए टीमें काम कर रही हैं।”
पुलिस यह भी जांच रही है कि क्या अस्पताल प्रबंधन को इस फर्जीवाड़े की जानकारी थी। यदि मिलीभगत साबित होती है तो उन पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य बिंदु:
- सत्येंद्र निषाद ने बृजराज उईके बनकर मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया
- 2018 में मिली फर्जी डिग्री, कई अस्पतालों में इलाज भी किया
- मनोज महावर की मां की मौत के बाद खुली पोल
- बृजराज सिवनी निवासी पेंटर, सत्येंद्र से कोई जान-पहचान नहीं
- पुलिस जांच जारी, सत्येंद्र फिलहाल फरार