
कानपुर। दो इंजीनियर्स की मौत की जिम्मेदार डॉ. अनुष्का तिवारी को अपनी गैरजिम्मेदाराना हरकतों पर कोई पछतावा नहीं है। चोरी और सीनाजोरी की कहावत को चरितार्थ करते हुए अनुष्का ने अग्रिम जमानत हासिल करने के लिए अदालत में कोरा-सफेद झूठ बोलने से परहेज नहीं किया है। अनाड़ियों के भरोसे धड़ल्ले से हेयर ट्रांसप्लांट करने वाली अनुष्का ने अब खुद को सिर्फ दांतों का डाक्टर बताते हुए कोर्ट ने दावा किया है कि वह इंजीनियर विनीत दुबे के दांतों का इलाज कर रही थीं।
मौत के लिए अनुराग अस्पताल और रीजेंसी हास्पिटल को जिम्मेदार बताते हुए शपथपत्र दिया है कि विनीत ने साईं चैरिटेबल अस्पताल में किन्हीं डॉ मनीष सिंह से हेयर ट्रांसप्लांट कराया था, वह तो सिर्फ झड़ते बालों की देखरेख के लिए सलाह-मशविरा देती थीं। फिलहाल, फर्रुखाबाद के मयंक कटियार की मौत के मामले में अनुष्का ने अभी कोई सच-झूठ नहीं बोला है।
कभी डर्मेटोलॉजिस्ट थीं, आज डेंटिस्ट हो गईं
दैनिक भास्कर को एक क्लिप मिली है, जिसमे एक नामचीन एफएम रेडियो चैनल पर अक्टूबर 2023 में टॉक-शो में अनुष्का तिवारी खुद को डर्मेटोलॉजिस्ट बताकर हेयर-केयर की लंबी-चौड़ी बातें सुना रही हैं। कुछ प्रचार सामग्री भी बतौर साक्ष्य मुहैया हैं, जिसके मुताबिक, इम्पायर बाराह क्लीनिक में अनुष्का तिवारी बेखौफ होकर धड़ल्ले से सस्ती दरों पर हेयर ट्रांसप्लांट करने में जुटी थीं। हेयर ट्रांसप्लांट के बाद पनकी पॉवर हाउस के इंजीनियर विनीत दुबे और फर्रुखाबाद निवासी इंजीनियर मयंक कटियार की मौत के बाद उठे बवंडर से घबराई अनुष्का ने खुद को डेंटिस्ट बताना शुरू कर दिया है। सत्र न्यायाधीश कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए दाखिल याचिका में अनुष्का ने स्वीकार किया है कि, उन्होंने रोहतक के पंडित भगत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विभाग विश्वविद्यालय से दन्तशल्य चिकित्सक के रूप में वर्ष 2015 में डिग्री को हासिल किया है। इसके साथ ही सौंदर्यशास्त्र और बालों-खोपड़ी का सामान्य अध्ययन का ज्ञान प्राप्त किया है।
साई अस्पताल के मनीष के माथे हेयर ट्रांसप्लांट
कोई गठबंधन हुआ है, अथवा अपना गुनाह किसी और के माथे डालने की कोशिश है। कोर्ट को अनुष्का तिवारी ने बताया है कि, वह तो विनीत दुबे के दांतों की समस्या का इलाज कर रही थीं। हेयर ट्रांसप्लांट के लिए बर्रा के साईं चैरिटेबल अस्पताल के डॉ.मनीष सिंह जिम्मेदार हैं। अव्वल साईं अस्पताल का कहना है कि, उनके यहां हेयर ट्रांसप्लांट करने वाले कोई डॉ. मनीष सिंह नहीं हैं, एक डॉ. मनीष अवश्य तैनात हैं, जोकि हड्डी के डाक्टर हैं। सवाल उठता है कि, यदि किन्हीं डॉ. मनीष ने विनीत दुबे और मयंक कटियार का हेयर ट्रांसप्लांट किया तो उपचार का परचा इंपायर क्लीनिक से क्यों जारी किया गया। पुलिस अब इस पहलू को भी देखेगी कि, उक्त डॉ. मनीष सिंह का नाम अनुष्का तिवारी क्यों घसीट रही हैं। कयास है कि, हेयर ट्रांसप्लांट की आधी-अधूरी जानकारी के चलते अनुष्का तिवारी अक्सर इन्हीं मनीष सिंह से सलाह-मशविरा करती रही होंगी।
अनुराग और रीजेंसी को मौत की वजह बताया
अनुष्का ने अग्रिम जमानत अर्जी के साथ दाखिल शपथ-पत्र ने दावा किया है कि, हालत खराब होने पर विनीत ने अपना इलाज अनुराग अस्पताल में कराया, लाभ नहीं होने पर रीजेंसी अस्पताल में भर्ती हुए थे। ऐसे में विनीत के इलाज में लापरवाही के लिए उपर्युक्त दोनों अस्पताल ही जिम्मेदार हैं। उधर, विनीत दुबे की पत्नी जया त्रिपाठी ने साक्ष्यों के साथ दावा किया कि, अव्वल विनीत को दांतों की कोई गंभीर समस्या नहीं थी। विनीत के साथ-साथ परिवार में किसी को दांतों से संबंधित कोई समस्या कभी होती थी तो पनकी के डॉ. आशीष चंद्रा अथवा शास्त्रीनगर के डॉ.खान से संपर्क करते थे।
पुलिस को झूठ से मतलब नहीं, तमाम साक्ष्य मौजूद
अनुष्का तिवारी भले ही कोर्ट के सामने झूठ का पुलिंदा रखने की कोशिश करें, लेकिन पुलिस के पास उनके खिलाफ झोली भर सबूत हैं। एसीपी-कल्याणपुर अभिषेक पाण्डेय ने बताया कि, पुलिस के पास अनुष्का के खिलाफ तमाम सबूत हैं। वह कुछ भी दावा करें, लेकिन कोर्ट में सच साबित होगा। इधर, कोर्ट में अनुष्का की अग्रिम जमानत अर्जी पर शुक्रवार को केस-डायरी नहीं होने के कारण सुनवाई नहीं हुई। कारण था कि, विवेचक किसी दबिश के कारण कोर्ट में उपस्थित नहीं थे, लिहाजा 02 जून की नई तारीख मुकर्रर हुई है। इसी दरमियान खबर मिली है कि, अनुष्का के सताए नौबस्ता के रामजी सचान और फर्रुखाबाद के नदीम भी सामने आकर सच का साथ देने को तैयार हैं।
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