Mysore Pak to Mysore Shree : पाक शब्द से घृणा! बदला मिठाई का नाम, ‘मैसूर पाक’ अब ‘मैसूर श्री’

Mysore Pak to Mysore Shree : राजस्थान के जयपुर शहर में देशभक्ति और सांस्कृतिक भावना को जागरूकता का नया रूप देते हुए मिठाई की दुकानों ने अपने पारंपरिक नामों में बदलाव किया है। खास बात यह है कि कई प्रमुख मिठाई दुकानों ने अपने नामों से ‘पाक’ शब्द पूरी तरह हटा कर ‘श्री’ शब्द जोड़ दिया है, ताकि देशभक्ति की भावना का संदेश मजबूत हो सके। यह बदलाव विशेष रूप से मिठाइयों के नाम में ‘आम पाक’, ‘गोंद पाक’, ‘मोती पाक’, और ‘मैसूर पाक’ जैसे नामों में हुआ है, जिन्हें अब क्रमशः ‘आम श्री’, ‘गोंद श्री’, ‘मोती श्री’ और ‘मैसूर श्री’ के नाम से जाना जा रहा है।

दरअसल, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान का विरोध करने के लिए जयपुर की मिठाई दुकानों ने अपने नामों में ‘पाक’ शब्द को हटाकर ‘श्री’ का प्रयोग शुरू किया है। इस बदलाव का उद्देश्य देशभक्ति की भावना को जागरूक करना और यह दिखाना है कि भारत के नागरिक हर क्षेत्र में अपने देश के प्रति प्रतिबद्ध हैं।

‘पाक’ शब्द का उत्पत्ति फारसी से हुई है, जिसका अर्थ है ‘मीठा’, ‘मिटा’ या ‘पवित्र’। हिंदी शब्दकोश ‘डॉट कॉम’ इसे ‘पाक कला’, ‘खाना पकाना’ और ‘तैयारी’ के रूप में परिभाषित करता है।

मिठाईयों के बदले नाम

‘आम पाक’ → ‘आम श्री’

‘गोंद पाक’ → ‘गोंद श्री’

‘मोती पाक’ → ‘मोती श्री’

‘मैसूर पाक’ → ‘मैसूर श्री’

‘स्वर्ण भस्म पाक’ → ‘स्वर्ण श्री’

‘चंडी भस्म पाक’ → ‘चंडी श्री’

जयपुर की प्रसिद्ध मिठाई दुकान ‘त्योहार स्वीट्स’ की मालकिन अंजलि जैन ने कहा, “हमारे व्यंजनों में राष्ट्रीय गौरव भी झलकना चाहिए। यह निर्णय सिर्फ शब्दों का नहीं, बल्कि भावना का मामला है। ग्राहक भी इस बदलाव को पसंद कर रहे हैं और उन्हें यह नाम परिवर्तन प्रेरणादायक लग रहा है।”

इसी तरह ‘बॉम्बे मिष्ठान भंडार’ और ‘अग्रवाल कैटरर्स’ जैसी वर्षों पुरानी दुकानें भी अपने ‘पाक’ शब्द वाले नामों को ‘श्री’ से बदल रही हैं। ‘बॉम्बे मिष्ठान भंडार’ के महाप्रबंधक विनीत त्रिखा ने कहा, “हम स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं कि जो लोग भारत की ओर आंख उठाने की हिम्मत करेंगे, उनके नाम मिटा दिए जाएंगे। यह हमारा मीठा, प्रतीकात्मक प्रतिशोध है।” इन बदलावों को ग्राहकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।

इस संबंध में जब व्यवसायी रमेश भाटिया से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह राष्ट्रीय भावना का मामला है। उन्होंने कहा, “मिठाइयों के नाम बदलना छोटा लग सकता है, लेकिन यह एक शक्तिशाली सांस्कृतिक प्रतिक्रिया है। यह दर्शाता है कि नागरिक भी हमारी सेना के साथ एकजुट हैं — युद्ध के मैदान से लेकर मिठाई की दुकान तक। संदेश स्पष्ट है कि भारत न तो भूलेगा और न ही माफ करेगा।” सेवानिवृत्त सरकारी शिक्षिका पुष्पा कौशिक ने भी इस पहल का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “‘मैसूर श्री’ नाम सुनकर गर्व महसूस होता है। यह एक प्रतीकात्मक और ह्रदयस्पर्शी कदम है, जो हमारे सैनिकों को श्रद्धांजलि देने का तरीका है।”

बता दें कि मिठाई के नाम से पाक शब्द को हटाने का आंदोलन केवल बड़ी दुकानों तक सीमित नहीं है, शहर की कई छोटी मिठाई की दुकानों में भी नामों में बदलाव किया गया है।

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