यूपी का अगला DGP कौन? प्रशांत कुमार की रिटायरमेंट के बाद डीजीपी की रेस में ये 5 नाम आगे

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस में अगले मुखिया की नियुक्ति को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम हो चुका है। वर्तमान डीजीपी प्रशांत कुमार का कार्यकाल इस माह समाप्त हो रहा है, और प्रदेश में पूर्णकालिक डीजीपी की तैनाती को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार, अभी तक संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है, जिससे यह संभावना प्रबल हो गई है कि वर्तमान में कार्यवाहक डीजीपी की जिम्मेदारी आगे भी निभाई जा सकती है।

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश पुलिस के नए डीजीपी चयन के लिए पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश के पुलिस बल प्रमुख) पद के चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2024 को मंजूरी जरूर दी गई थी, पर अभी तक समिति का गठन नहीं हो सका है। नियमावली के अनुसार, यदि प्रस्ताव भेजा भी जाता है, तो उसे मंजूरी मिलने में कम से कम दस दिन का समय लग सकता है। इस स्थिति में, प्रदेश में लगातार पांचवीं बार कार्यवाहक डीजीपी की ही जिम्मेदारी निभाई जाने की संभावना बढ़ गई है।

प्रशांत कुमार के सेवा विस्तार की भी चर्चा जोर पकड़ रही है। वर्ष 2017 में भाजपा सरकार के गठन के बाद से उन्हें सेवा विस्तार दिया गया है। वहीं, 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी पीवी रामाशास्त्री, डीजी जेल, और डीजी टेलीकॉम डॉ. संजय एम. तरडे का सेवाकाल 31 मई को समाप्त हो रहा है। सूत्रों के अनुसार, यदि प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार नहीं मिलता है, तो बीके मौर्य (होमगार्ड के डीजी) और एमके बशाल (डीजी टेलीकॉम) को भी कार्यवाहक डीजीपी बनने का अवसर मिल सकता है। इसके अलावा, बैच के वरिष्ठ अधिकारियों में संदीप सांलुके, दलजीत सिंह चौधरी और रेणुका मिश्रा का नाम भी आगे चल रहा है, जो वरिष्ठता सूची में प्रशांत कुमार से ऊपर हैं।

वहीं, 1990 बैच की आईपीएस अधिकारी तिलोत्तमा वर्मा, जिनका सेवाकाल नवंबर में समाप्त हो रहा है, भी संभावित दावेदारों में शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक शर्मा (डीजी एसपीजी) और राजीव कृष्ण (डीजी विजिलेंस) भी प्रबल प्रत्याशी माने जा रहे हैं। वर्तमान सरकार में अब तक आठ डीजीपी पद पर नियुक्ति हो चुकी है। सबसे पहले, 24 अप्रैल 2017 को सुलखान सिंह को डीजीपी बनाया गया था, जिन्हें एक सेवा विस्तार भी मिला था। उसके बाद, ओपी सिंह, हितेश चंद्र अवस्थी और मुकुल गोयल को पूर्णकालिक डीजीपी पद पर तैनात किया गया। जबकि, डॉ. देवेन्द्र सिंह चौहान, डॉ. आरके विश्वकर्मा, विजय कुमार और प्रशांत कुमार कार्यवाहक डीजीपी के रूप में कार्यरत रहे हैं।

अन्तरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक और प्रशासनिक माहौल के बीच, यूपी पुलिस के अगले मुखिया का नाम तय करने की प्रक्रिया अभी भी अनिश्चितताओं में फंसी हुई है, और देखना दिलचस्प होगा कि आखिरकार कौन इस महत्वपूर्ण पद पर काबिज होगा।

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