बरेली : अंधेरे में डूबा शहर, सोते रहे अफसर! हल्की आंधी में उड़े बिजली विभाग के दावे

बरेली। जरा सी आंधी क्या आई, बिजली विभाग के दावे हवा में उड़ गए। बुधवार रात महज 25–30 किलोमीटर के अंधड़ में पॉवर कॉर्पोरेशन की करोड़ों की व्यवस्था गुम हो गई। शहर के तमाम हिस्से अंधेरे में डूबे रहे। शहरी उमस भरी गर्मी में बेहाल होते रहे और बिजली अफसर चैन की नींद लेते रहे। 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति के दावे फर्जी साबित हुए।

शहर को कई साल से स्मार्ट बनाया जा रहा है। मीटिंग होती है, उसमें प्रेजेंटेशन दिए जाते हैं। इसके बाद बाशिंदों को सुंदर सपने दिखाए जाते हैं। नतीजा, अफसर मीठी नींद में सपने देखते रहे और बिजली बिना लोग करवटें बदलते रहे। मामूली मौसम परिवर्तन से पूरे शहर की बत्ती गुल हो गई।

बुधवार रात जैसे ही हल्की आंधी चली, बरेली के अधिकांश मोहल्लों में बिजली चली गई। न कोई बैकअप, न कोई रेस्पॉन्स टीम। लोग घंटों फोन घुमाते रहे। लाइनमैन से लेकर जेई तक सभी का जवाब सिर्फ एक- “लाइन कट गई है, सुबह तक इंतजार करो।”
बिजली विभाग की एक और बड़ी कमजोरी सामने आई। संविदा कर्मचारी पिछले कुछ महीनों में कई बार हड़ताल पर चले गए। इससे व्यवस्था पहले ही चरमराई हुई थी। अधिकारी केवल बयानबाजी में व्यस्त रहे।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब करोड़ों का बजट उपकरण खरीद, फीडर सुधार, ट्रांसफार्मर रिप्लेसमेंट और केबलिंग में झोंका जा रहा है, तो फिर हर बार बारिश-आंधी में सिस्टम क्यों ढह जाता है?

हर बार जब बिजली विभाग की विफलता उजागर होती है, तो बलि का बकरा बनाया जाता है – लाइनमैन, ऑपरेटर या जूनियर इंजीनियर। जबकि असल जिम्मेदारी उन अधिशासी अभियंताओं, अधीक्षण अभियंताओं और चीफ इंजीनियरों की होती है जो कागजों में सब कुछ ‘स्मूथ’ बताते हैं।

बुधवार की रात पूरे शहर ने अनुभव किया कि यह तैयारियां केवल प्रेजेंटेशन तक सीमित हैं। न कहीं निगरानी थी, न कोई अधिकारी फील्ड में उतरा। ट्रांसफॉर्मर में फॉल्ट आया, तो घंटों कोई नहीं पहुंचा। इंस्पेक्शन और समाधान की बातें भी सिर्फ बैठकों तक सीमित रह गईं।

यह भी पढ़े : जम्मू-कश्मीर : किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों की आतंकियों से मुठभेड़ जारी, दोनों ओर से हो रही फायरिंग

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

इस दिन नाखून कांटने से बचें क्या आप भी मालामाल होने की रखते हैं ख्वाहिश शुक्रवार को कैंसिल रहेगी भागलपुर – हंसडीहा पैसेंजर ट्रेन कन्नड़ लेखिका बानू मुश्ताक ने रचा इतिहास दिल्ली में बारिश ने मचाई भारी तबाही