
रामनगर : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्तराखंड को 2025 तक नशा मुक्त बनाने के संकल्प को साकार करने के लिए राज्यभर में लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में ड्रग्स विभाग और पुलिस टीम ने रामनगर के गूलरघट्टी क्षेत्र में संयुक्त छापेमारी की, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
तीन मेडिकल स्टोरों पर कार्रवाई, प्रतिबंधित नशीली दवाइयाँ जब्त
इस अचानक हुई छापेमारी में तीन मेडिकल स्टोरों पर गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। ड्रग्स विभाग की टीम ने एक मेडिकल स्टोर से भारी मात्रा में प्रतिबंधित नशीली दवाइयाँ बरामद कीं, जिन्हें मौके पर ही जब्त कर लिया गया और स्टोर को सील कर दिया गया।
दवाओं का दुरुपयोग, युवा पीढ़ी के लिए खतरा
औषधि निरीक्षक मीनाक्षी बिष्ट ने बताया कि जब्त की गई दवाएं ऐसी थीं जिनका दुरुपयोग नशे के तौर पर किया जा रहा था। उन्होंने कहा, “ये दवाएं समाज और विशेष रूप से युवाओं के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं, इसलिए इस पर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।”
रिकॉर्ड गायब, स्टॉक में अनियमितताएं
इसी क्षेत्र के एक अन्य मेडिकल स्टोर में खरीद-फरोख्त का कोई रिकॉर्ड नहीं पाया गया, और वहां भी कई प्रतिबंधित दवाएं बिना अनुमति के पाई गईं। स्टोर पर तुरंत क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी गई है और लाइसेंस निलंबन व रद्दीकरण की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जा रही है।
छापेमारी के बाद भगदड़, दुकानें बंद कर भागे संचालक
छापेमारी की खबर फैलते ही कई मेडिकल स्टोर संचालकों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं और मौके से फरार हो गए। विभाग ने ऐसे सभी मेडिकल स्टोरों की सूची बनाना शुरू कर दिया है और जल्द ही इनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
ये भी पढ़े – मसूरी पहुंचे भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला, दी आतंकवाद पर सख्त चेतावनी
ड्रग्स विभाग का सख्त संदेश: अभियान जारी रहेगा
मीनाक्षी बिष्ट ने स्पष्ट किया कि यह अभियान भविष्य में भी जारी रहेगा। उन्होंने सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को चेतावनी दी कि यदि कोई भी ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।