प्रयागराज : शंकरगढ़ में दिव्यांग शिविर बना अव्यवस्था की मिसाल

प्रयागराज। विकासखंड शंकरगढ़ सभागार में मंगलवार को आयोजित दिव्यांग शिविर जहां दिव्यांगजनों की सेवा और सहूलियत का प्रतीक बनना चाहिए था, वहीं यह शिविर प्रशासनिक लापरवाही और बदइंतज़ामी का जीवंत उदाहरण बन गया।
शिविर में जिले से पहुंचे डॉक्टर्स को न तो बिजली मिली, न पानी। भीषण गर्मी में न पंखे थे, न पीने का इंतज़ाम। डॉक्टर पसीने से तर-बतर, प्यासे बैठे रहे और बार-बार प्रशासनिक व्यवस्था की ओर देखते रह गए, पर वहाँ से कोई जवाब नहीं मिला।सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि शिविर के आयोजन में विकासखंड शंकरगढ़ के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की कोई भूमिका नहीं दिखी। ना कोई मौजूद था, ना किसी ने सहयोग दिया।डॉक्टरों ने जब स्थिति को देखा तो ग़ुस्से और असंतोष में भरकर सभागार में विरोध दर्ज कराया। उनका कहना था कि अगर जिला स्तर से मेडिकल टीम को भेजा गया, तो स्थानीय स्तर पर इतनी बड़ी लापरवाही क्यों?
शिविर में पहुंचे दिव्यांगजन भी अव्यवस्थाओं के कारण घंटों तक धूप में इंतज़ार करते रहे। उन्हें न बैठने की जगह मिली, न सहायता। जो शिविर राहत देने आया था, वही उनके लिए एक और संघर्ष बन गया।स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने भी ब्लॉक प्रशासन की निंदा करते हुए कहा है कि विकासखंड शंकरगढ़ की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। जिम्मेदार अधिकारी हों या कर्मचारी सबकी कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

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