
केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल ने एक स्थायी और समावेशी ऊर्जा भविष्य के निर्माण के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि की और ‘अधिक समावेशी और टिकाऊ शासन के लिए वैश्विक दक्षिण सहयोग को मजबूत करना’ विषय के तहत ब्राजील के नेतृत्व की सराहना भी की।
केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल ने 19 मई को ब्राजील की अध्यक्षता में ब्रासीलिया में आयोजित ब्रिक्स देशों के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इस बैठक में उन्होंने वैश्विक विकास लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में ऊर्जा सुरक्षा, पहुंच और सामर्थ्य की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया। मनोहर लाल ने ब्रिक्स देशों को भारत में 2026 में आयोजित होने वाले अगले ब्रिक्स ऊर्जा सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया और वैश्विक दक्षिण के लिए ऊर्जा एजेंडे का नेतृत्व करने के लिए देश की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन में ऊर्जा सुरक्षा को वर्तमान की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बताया तथा आर्थिक स्थिरता और स्थिरता सुनिश्चित करने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर ऊर्जा संसाधनों तक समान पहुंच को बढ़ावा देने के लिए ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने की जरूरत पर बल दिया। मनोहर लाल ने जैव ईंधन क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ाने में वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की भूमिका पर भी जोर दिया और ऊर्जा संरक्षण सतत भवन संहिता, छत सौर पहल और कुशल उपकरण मानकों जैसे अभिनव कार्यक्रमों के जरिए ऊर्जा दक्षता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने 2030 तक ऊर्जा दक्षता को दोगुना करने के लक्ष्य की पुष्टि की और ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग और ज्ञान साझा करने पर जोर दिया।
ब्रिक्स देशों के ऊर्जा मंत्रियों ने ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य 7 (एसडीजी-7) को आगे बढ़ाने में अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिसमें सबके लिए बिजली की उपलब्धता, स्वच्छ खाना पकाने और ऊर्जा संकट से निपटने पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के जवाब में न्यायसंगत, समावेशी और संतुलित ऊर्जा संक्रमण की जरूरत पर जोर दिया। विशेष रूप से विकासशील देशों में जीवाश्म ईंधन की निरंतर भूमिका को स्वीकार करते हुए उन्होंने प्रौद्योगिकीय तटस्थता और सामान्य लेकिन विभेदित जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं (सीबीडीआर-आरसी) के सिद्धांत से निर्देशित एसडीजी 7 और वैश्विक जलवायु लक्ष्यों के अनुरूप ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के महत्व पर बल दिया।
बैठक में ऊर्जा मंत्रियों ने मजबूत साझेदारी का आह्वान किया। मंत्रिय़ों ने खुले, निष्पक्ष और भेदभाव रहित अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा बाजारों का समर्थन किया तथा ऊर्जा व्यापार में स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को प्रोत्साहित किया। उन्होंने ब्रिक्स ऊर्जा अनुसंधान सहयोग मंच की मौलिक भूमिका को मान्यता दी तथा गहन सहयोग के लिए अद्यतन ब्रिक्स ऊर्जा सहयोग रोडमैप (2025-30) का स्वागत किया। ब्रिक्स समूह एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो विश्व अर्थव्यवस्थाओं में प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करता है, यह वैश्विक आर्थिक विकास और अंतरराष्ट्रीय मंच पर सहयोग को बढ़ावा देता है। वर्तमान में इसके सदस्य देशो में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात और इंडोनेशिया शामिल है।