
जयपुर। राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों पर सख्त रुख अपनाते हुए “जीरो टॉलरेंस नीति” के तहत एक के बाद एक कड़े फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में सरकार ने सोमवार देर रात ब्यावर जिले के रायपुर SDM गुलाब सिंह वर्मा को भ्रष्टाचार की शिकायतों के चलते तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही बाड़मेर जिले के रामसर SDM अनिल कुमार को आगामी आदेशों तक एपीओ कर दिया गया है।
कार्मिक विभाग ने देर रात जारी किए आदेश
इन दोनों अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश कार्मिक विभाग द्वारा सोमवार देर रात जारी किए गए।
इन फैसलों को राज्य सरकार के उस स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्पष्ट किया था कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पुलिस अधीक्षकों पर भी गिरी गाज
इससे पहले सरकार ने 13 मई को झुंझुनू के एसपी शरद चौधरी और हनुमानगढ़ के एसपी अरशद अली को भी एपीओ कर दिया था। इन दोनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सरकार को सीधी शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिसके बाद त्वरित कार्रवाई की गई।
अभी तक इन दोनों जिलों में नए एसपी की नियुक्ति नहीं हुई है, लेकिन जल्द ही आईएएस और आईपीएस तबादला सूची जारी होने की संभावना जताई जा रही है।
विधायक तक नहीं बचे जांच से
भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के तहत सरकार राजनीतिक नेताओं पर भी कार्रवाई करने से नहीं चूक रही है।
हाल ही में भारत आदिवासी पार्टी के बागीदौरा विधायक जय कृष्ण पटेल को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वे उपचुनाव जीतकर विधायक बने थे और फिलहाल न्यायिक अभिरक्षा में हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर सरकार अडिग
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कुछ दिनों पहले गृह विभाग की समीक्षा बैठक में यह स्पष्ट कर दिया था कि भ्रष्टाचार किसी भी रूप में सहन नहीं किया जाएगा।
सरकार की प्राथमिकता साफ है – ईमानदार प्रशासन, जवाबदेही और पारदर्शिता।
मुख्यमंत्री के पास गृह और कार्मिक विभाग दोनों हैं, ऐसे में उनके नेतृत्व में लगातार सख्त फैसले लिए जा रहे हैं।
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