
पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिन्दूर के बाद भारत की सुरक्षा एजेंसियां अब केवल सीमा पर ही नहीं, देश के अंदर छिपे पाकिस्तान समर्थक नेटवर्क को भी बेनकाब करने में जुट गई हैं। इसी क्रम में शनिवार को पंजाब और हरियाणा से छह जासूसों की गिरफ्तारी के बाद सोमवार को एक और बड़ा खुलासा हुआ, जब उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के लिए जासूसी करने के आरोप में रामपुर निवासी एक व्यवसायी शहजाद को गिरफ्तार किया।

यह गिरफ्तारी मुरादाबाद में की गई, जहां शहजाद कथित तौर पर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान को भेज रहा था। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, शहजाद न केवल जासूसी में संलिप्त था, बल्कि सीमा पार तस्करी नेटवर्क का भी हिस्सा था, जो पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रहा था।
STF ने क्या कहा
STF ने एक बयान में कहा कि शहजाद हाल के वर्षों में व्यापार के बहाने कई बार पाकिस्तान गया था। वह कथित तौर पर सीमा पार से कॉस्मेटिक का सामान, कपड़े, मसाले और अन्य सामान की तस्करी में लिप्त था। एजेंसी ने खुलासा किया कि शहजाद अवैध व्यापार की आड़ में आईएसआई के गुप्त अभियानों के लिए काम करता था। आगे की जांच से पता चला कि शहजाद ने न केवल पाकिस्तानी एजेंटों के साथ रणनीतिक जानकारी साझा की, बल्कि भारत में उनके संचालन को सुविधाजनक बनाने में भी भूमिका निभाई। एसटीएफ के अनुसार, वह भारत में सक्रिय आईएसआई एजेंटों को भारतीय सिम कार्ड और पैसा मुहैया कराता था।
अधिकारियों को यह भी पता चला कि शहजाद रामपुर और उत्तर प्रदेश के अन्य इलाकों से लोगों को आईएसआई के लिए काम करने के लिए पाकिस्तान भेजने का काम करता था। इन लोगों के लिए वीजा की व्यवस्था आईएसआई एजेंटों द्वारा की जाती थी। शहजाद के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 148 और 152 के तहत पुलिस स्टेशन एटीएस, लखनऊ में एक एफआईआर (संख्या 04/25) दर्ज की गई।
बता दें कि शहजाद से पहले हरियाणा की ट्रैवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी हो चुकी है। हरियाणा पुलिस ने इस सप्ताह की शुरुआत में ज्योति को हिरासत में लिया था। 2023 में दो बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुकीं मल्होत्रा को हरियाणा और पंजाब में फैले जासूसी नेटवर्क से कथित तौर पर जुड़े होने के बाद पांच दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर रखा गया।
नूंह से पाकिस्तान को सूचनाएं देने के आरोप में युवक गिरफ्तार, पाक उच्चायोग के दो कर्मियोें के खिलाफ भी केस दर्ज
-आरोपित के मोबाइल से मिले हैं गोपनीय जानकारी भेजने के सुबूत
डिजिटल ठगी के बाद अब पाकिस्तान कनेक्शन को लेकर नूंह क्षेत्र एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में यहां से एक सप्ताह के भीतर दूसरा युवक गिरफ्तार किया गया है। रविवार देर रात यहां से पकड़े गए युवक पर आरोप है कि उसने भारतीय सैन्य गतिविधियों से जुड़ी गोपनीय जानकारी पाकिस्तानी दूतावास को दी है। पुलिस ने भारत स्थित उच्चायोग के दो कर्मचारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
नूंह क्षेत्र जांच एजेंसियों के रडार पर है। पुलिस व केंद्रीय जांच एजेंसियों ने पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारियां देने के आरोप
में एक अन्य युवक को तावड़ू खंड के कांगरका गांव से गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान तारीफ पुत्र हनीफ के रूप में हुई है। तारीफ के मोबाइल फाेन से पाकिस्तान में चैटिंग होने की जानकारी मिली है। आरोप है कि तारीफ वाट्सऐप के माध्यम से पाकिस्तानी उच्चायोग से जुड़ा था। वह दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के दो कर्मचारियों को भारतीय सैन्य गतिविधियों से जुड़ी गोपनीय जानकारी जानकारियां देता था।
स्थानीय पुलिस ने थाना सदर तावड़ू में आरोपित के खिलाफ देशद्रोह की धाराओं में केस दर्ज किया है। इसके अलावा पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत पाकिस्तानी नागरिक आसिफ बलोच व जाफर पर भी केस दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि तारीफ काफी समय से भारत की रक्षा तैयारियों और सेना से जुड़ी अहम जानकारियां पाकिस्तान को दे रहा था। वह लोगों को पाकिस्तान जाने के लिए वीजा लगवाने के लिए भी कहता था।
बावला गांव में राधा स्वामी सत्संग के निकट से किया काबू
सदर थाना पुलिस तावडू़, केन्द्रीय जांच एजेंसी और चंडीगढ़ स्पेशल पुलिस बल ने आरोपित को पकडऩे के लिए संयुक्त कार्रवाई की। रविवार देर रात उसे बावला गांव में राधा स्वामी सत्संग के निकट से गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि पकड़े जाने से ठीक पहले आरोपित तारीफ अपने मोबाइल से कुछ चैट डिलीट करने की कोशिश कर रहा था। प्राथमिक जांच में जांच एजेंसियों व पुलिस को यह पता चला है कि तारीफ के मोबाइल में पाकिस्तानी वाट्सऐप नंबर थे। कुछ डाटा उनमें से डिलीट किया गया था। जांच एजेंसियों को तारीफ के मोबाइल से पाकिस्तान के कुछ नंबरों पर भेजी हुई चैट, वीडियो, फोटो व सेना की गतिविधियों से संबंधित कुछ फोटो भी मिली हैं। बताया यह भी जा रहा है कि वह दो सिम कार्ड रखता था। दोनों नंबरों से वह पाकिस्तान में संपर्क करता था।
पाकिस्तानी दूतावास के कर्मचारियों के संपर्क में रहा
जांच एजेंसियों को आरोपित के मोबाइल से पता चला है कि दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास में वह आसिफ बलोच नाम कर्मचारी से संपर्क में था। उनके लिए काम करता था। बलोज उसे पैसे देता था। बताया यह भी जा रहा है कि दिल्ली पाकिस्तानी दूतावास से जब बलोच नामक कर्मचारी की बदली हुई तो आसिफ की दूसरे कर्मचारी जाफर से मुलाकात हुई। आसिफ ने सूचनाएं देने का काम जारी रखा। आरोपित आसिफ व पाकिस्तान के दोनों कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।