
Jhansi: मऊरानीपुर तहसील के ढिमलौनी गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। वो पोषाहार, जो सरकार गरीब और कुपोषित बच्चों के लिए भेजती है, उसे वहीं के ग्राम प्रधान ने हड़पने का गंदा खेल खेला है। बच्चों के हक की इस लूट की तस्वीर अब सोशल मीडिया पर भी सामने आ गई है।
वायरल वीडियो से खुली हकीकत
एक वायरल वीडियो ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है, जिसमें ग्राम प्रधान खुलेआम आंगनवाड़ी सहायिका के बेटे से पोषाहार की मांग करता हुआ नजर आ रहा है। इतना ही नहीं, प्रधान अपने घर पर पोषाहार भिजवाने और उसे अपनी मर्जी से बांटने का दबाव भी बनाता दिख रहा है।
पोषाहार पर कब्जा कर रहा प्रधान
गरीबी में पल रहे मासूम बच्चों का हक छीनने वाला ये खेल कोई मामूली बात नहीं। जिस पोषाहार से गांव के मासूमों के शरीर में खून दौड़ना चाहिए, वही पोषाहार कुछ लालची हाथों में जाकर बंद हो गया। गांव के लोग अब दबी जुबान में बताते हैं कि प्रधान पिछले कई महीनों से पोषाहार अपने तरीके से बांटता रहा है।
आंगनवाड़ी सहायिका ने किया विरोध
जब आंगनवाड़ी सहायिका ने इसका विरोध किया, तो उसके खिलाफ झूठी शिकायतें कर दी गईं। सहायिका और उसका परिवार मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जा रहे हैं। सवाल उठता है, क्या गरीब बच्चों का हक मांगना गुनाह है?
वायरल वीडियो के बाद प्रशासन हरकत में आया है। मऊरानीपुर उपजिलाधिकारी अजय कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा, “वीडियो की सत्यता की जांच कराई जा रही है। संबंधित अधिकारियों से जांच कर आख्या मांगी गई है। दोषी पाए जाने पर नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जाएगी।”
ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते इस तरह की लूट पर लगाम नहीं लगी, तो गरीबों के बच्चों को मिलने वाले हर अधिकार को यूं ही दबाया जाता रहेगा। अब पूरा गांव प्रशासन की कार्रवाई का इंतजार कर रहा है।