
- डिलारी में हजार व पांच सौ के बंद हो चुके नोट बोरों में भरकर ले जा रहे थे कार से
- पुलिस टीम लगी है फरार आरोपियों की तलाश में
- डिलारी पुलिस को खोजने होंगे कई सवालों के जवाब
मुरादाबाद, डिलारी। करीब एक दशक पहले बंद हो चुके हजार व पांच सौ के नोट समेट यूपी पुलिस के सिपाही को गिरफ्तार किया गया है। करीब डेढ़ करोड़ रुपये के साथ गिरफ्तार सिपाही के दो साथी भी पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। हालांकि गैंग के तीन साथी पुलिस को चकमा देकर भाग निकले हैं। पुराने नोटों की इतनी बड़ी बरामदगी से जनता में हैरान देखी जा रही है।
थाना प्रभारी मनोज कुमार ने मीडिया को बताया कि दरोगा सुभाष चन्द यादव व मनीष कुमार पुलिस बल के साथ गश्त कर रहे थे। पुलिस टीम को ग्राम हांसमपुरा थाना में मुरादाबाद की पुलिया के पास से संदिग्ध व्यक्ति दिखाई दिए। पुलिस ने उन्हें रोका और कार की चेकिंग की। कार में सवार विक्की गौतम पुत्र जगदीश सिंह निवासी ग्राम जलीलपुर बक्काल थाना अमरोहा देहात, अमरोहा, दिव्यांग मौ. यासीन पुत्र फिरासत अली व मौ. रियाज पुत्र रफीक अहमद निवासी ग्राम अहमदनगर, अहमदाबाद मदारी की मढ्ढैया थाना टाण्डा जिला रामपुर थे।
पुलिस ने कार की चेकिंग की तो हजार और पांच सौ के बंद हो चुके नोट रखे मिले। पुलिस ने नोटों को कब्जे में लेकर तीनों को हिरासत में ले लिया। थाना लाकर नोट गिने गए तो हजार रुपये के 7681 नोट मिले तथा पांच सौ रूपये के 14636 नोट मिले। इस तरह करीब 1.50 करोड़ रुपये बरामद किए गए। बताया जाता है कि विक्की गौतम पुलिस विभाग में सिपाही है और मौजूदा वक्त में सीतापुर में तैनात है।
थाना प्रभारी ने बताया कि युसुफ पुत्र नामालुम निवासी नूरपुर, बिजनौर, सत्तार पुत्र नामालुम निवासी गुहावर, मुर्गी फार्म थाना नूरपुर बिजनौर, व फैसल पुत्र नामालुम निवासी सैद नगली, जिला सम्भल के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की गई है। यह आरोपी मौके से भाग निकले थे। उन्होंने बताया कि सिपाही अमरपाल, संतोष शर्मा, संदीप, विक्रम कुमार, अवनीश कुमार भी पुलिस टीम में शामिल रहे।
बैंक अफसरों की मिलीभगत से हो रहा धंधा
वर्ष 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी ने हजार और पांच सौ के नोटों को बंद किया था। करीब दस वर्ष होने के बाद भी इन नोटों का धंधा चल रहा है। हालांकि रिजर्व बैंक बंद की गई करेंसी का 98 फीसदी जमा होने का दावा किया जा चुका है। जानकार मानते हैं कि बैंक अफसरों की मिलीभगत से इन नोटों आदान-प्रदान हो रहा है।
पुलिस के मुताबिक सैदनगली का फैसल पुराने नोटों को एकत्र करके रामपुर के रियास और यासीन के पास जमा कराता है। पुराने नोट की कीमत केवल दस फीसदी मिलती है यानी हजार का एक नोट सौ रुपये में बिकता है। इस गैंग का मुखिया सत्तार को माना जा रहा है और वहीं बैंक अफसरों से बातचीत करता है।
एसपी अपराध सुभाष गंगवार ने बताया कि गैंग के फरार आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद नोटों के लाने और बेचने की सही जानकारी हो सकेगी।
कहां से आए व कहां जा रहे थे नोट ?

डिलारी पुलिस ने चलन से बाहर हो चुके हजार और पांच सौ के करीब डेढ़ करोड़ रुपये बरामद कर लिये लेकिन यह नोट कहां से आए और कहां जा रहे थे, इसका पता नहीं लगा सकी है। पत्रकार वार्ता में थाना प्रभारी ने इसकी कोई जानकारी नहीं दी, जबिक मीडिया कर्मियों ने सीओ ठाकुरद्वारा से भी इस बाबत जानना चाहा था। पुलिस का कहना है कि गैंग मुखिया की गिरफ्तारी के बाद ही सही जानकारी मिल सकेगी।
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