
Seema Pal
Excessive Heat : सर्दियों के बाद जब गर्मियों का मौसम आता है तो लोग घरों में पंखा, कूलर और एसी का रखरखाव शुरू कर देते हैं। और रखें भी क्यों न, हर साल अनुमान से अधिक गर्मी बढ़ती जा रही है। जब भी गर्मियां आती हैं हम यही कहते हैं कि इस साल गर्मी ने रुला दिया। लेकिन गर्मी व सूर्य की जलती किरणों ताप केवल एक या दो साल नहीं बल्कि अब हर साल बढ़ती जा रही है। नासा द्वारा गर्मी के माप के जारी आंकड़ों के अनुसार, अब आने वाले सभी सालों में गर्मी की ताप निरंतर बढ़ती ही जाएगी। यानी भीषण गर्मी के लिए आपको हर साल तैयार रहना होगा। मगर, क्या वजह है जिस कारण गर्मी की ताप लगातार हर साल बढ़ रही है? इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारी इस रिपोर्ट में मिल जाएंगे।
धरती पर बन रहा गर्म हवाओं का गोला
हर साल गर्मी बढ़ने के कारण की बात करने से पहले ये जान लेते हैं कि धरती पर गर्मी इतनी क्यों पड़ने लगी है। एक समय था जब बिना पंखे और एसी के लोग गर्मियों का पूरा मौसम काट लेते हैं और अब एसी भी फेल लगती है। दरअसल, इस बढ़ती गर्मी का मुख्य कारण भी हम ही हैं। धरती पर साइंस ने औद्यौगिक क्रांति को जन्म देकर धरती को अंत की ओर ढकेलना शुरू कर दिया है। धरती पर औद्यौगिक विकास जैसे-जैसे बढ़ रहा है हवा का तापमान भी बढ़ता जा रहा है। ये गर्म हवाएं ग्लोबल में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करती हैं जो गर्मी की ताप को अधिक बढ़ा देती हैं।
ग्रीन गैसों का निर्माण कैसे होता है?
जीवाश्म ईंधनों जैसे कोयला, पेट्रोल और डीजल के जलाने से निकलने वाले ग्रीनहाउस गैसों (जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन) के कारण होती है। ये गैसें वातावरण में गर्मी को फंसा लेती हैं, जिससे पृथ्वी का तापमान धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
हर साल क्यों बढ़ती जा रही है गर्मी की ताप
धरती पर गर्मी बढ़ने का मुख्य कारण ग्लोबल वॉर्मिंग है। यानी कि विश्विक तापमान को बढ़ाने के लिए ग्लोबल वॉर्मिंग ही जिम्मेदार है। शहरों का विस्तार और औद्योगिक गतिविधियां पर्यावरण को प्रभावित कर रही हैं। निर्माण कार्य, कारखाने और वाहनों से निकलने वाली गैसें वातावरण में मिलती हैं, जो ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा को बढ़ाती हैं। इसके अलावा, शहरी इलाकों में ‘हीट आइलैंड’ प्रभाव भी देखने को मिलता है, जहां धूल, कंक्रीट और लोहे जैसी संरचनाएं गर्मी को सोख लेती हैं और गर्मी का प्रभाव बढ़ाती हैं।इसके अलावा शहरों के विकास होने के साथ पेड़ों की कटाई भी लगातार जारी है। धरती पर इमारतेे खड़ी होती जा रही है लेकिन हरियाली विलुप्त हो रही है।
क्या कहती है नासा की स्टडी
हाल ही में नासा ने गर्मी के माप की एक स्टडी रिपोर्ट साझा की थी। जिसमें नासा ने लगातार 10 सालों में पड़ने वाली गर्मी के तापमान के रिकॉर्डेड डाटा को पेश किया था। साल 1951 से 1980 तक और साल 2014 से साल 2024 तक का तापमान का विश्लेषण किया था। नासा ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि दीर्घकालिक औसत की तुलना में वैश्विक सतह के तापमान में परिवर्तन को होता जा रहा है। 2024 में पृथ्वी का औसत सतही तापमान 1880 में रिकॉर्ड कीपिंग शुरू होने के बाद से रिकॉर्ड पर सबसे गर्म था।NASA का विश्लेशण आम तौर पर राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) और अन्य शोध समूहों द्वारा तैयार किए गए स्वतंत्र विश्लेषणों से मेल खाता है।
यानि कि धरती पर 19वीं सदी के उत्तरार्ध (1850-1900) के पूर्व-औद्योगिक औसत की तुलना में 2024 में लगभग 2.65 डिग्री फ़ारेनहाइट (या लगभग 1.47 डिग्री सेल्सियस) अधिक गर्म थी। 10 सबसे हाल के वर्ष रिकॉर्ड पर सबसे गर्म हैं। इस तरह देखा जाए तो साल 2025 में मई माह से गर्मियों की शुरूआत भीषण व प्रचंड गर्मी के रूप में देखी जा रही है। अब आने वाले सभी सालों में गर्मी का तापमान बढ़ता ही रहेगा।
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