
सवाई माधोपुर : रणथंभौर टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की बढ़ती आवाजाही के बीच वाइल्डलाइफ नियमों के उल्लंघन के लगातार मामलों को देखते हुए अब वन विभाग सख्त एक्शन मोड में आ गया है। हाल ही में हुए आकस्मिक निरीक्षण में नियम तोड़ने वाले 11 जिप्सी चालकों और 8 गाइड्स के खिलाफ प्रवेश प्रतिबंध की कार्रवाई की गई है।
आकस्मिक निरीक्षण में सामने आई गंभीर लापरवाही
रणथंभौर के पर्यटन डीएफओ प्रमोद धाकड़ के आदेशानुसार, 31 मार्च को शाम की सफारी पारी में जोन 2, 3 और 4 में सहायक वन संरक्षक रबनीश कुमार (ACF) द्वारा निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कई वाहन चालक और गाइड निर्धारित ट्रेक से हटकर टाइगर साइटिंग के प्रयास में लापरवाही करते पाए गए।
कुछ प्रमुख उल्लंघन:
- जिप्सी RJ 25 TA 2167 के चालक और गाइड ने न केवल ट्रेक छोड़ा बल्कि अन्य वाहनों से टक्कर मारते और राजबाग तालाब के किनारे अतिक्रमण करते हुए देखे गए।
- जिप्सी RJ 25 PA 2103, RJ 25 TA 2258 सहित कई वाहन टाइगर से अनुचित दूरी बनाए हुए पाए गए।
- टाइगर का रास्ता रोकने, तेज गति से वाहन चलाने और पर्यटकों को शोरगुल करने देने जैसे कई गंभीर उल्लंघन सामने आए।
नियम तोड़ने वालों पर प्रतिबंध
वन विभाग ने सभी उल्लंघनकर्ताओं – जिनमें 19 चालक और गाइड शामिल हैं—पर 7 दिनों के लिए रणथंभौर टाइगर रिजर्व में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
डीएफओ प्रमोद धाकड़ ने स्पष्ट किया कि,
“वन्यजीवों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। पर्यटन से जुड़े सभी लोग वाइल्डलाइफ एक्ट और नैतिक दायित्वों का पालन करें, अन्यथा आगे भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।“
क्यों ज़रूरी है यह सख्ती?
- बाघों की सुरक्षा के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के तहत वाहनों को निश्चित दूरी और ट्रेक पर रहना अनिवार्य होता है।
- इन नियमों की अनदेखी से वन्यजीवों का व्यवहार प्रभावित होता है और कई बार यह बाघों की जान को खतरे में डाल सकता है।
- पर्यटक शांति और नियमों के तहत वाइल्डलाइफ का अनुभव ले सकें, इसके लिए गाइड और चालकों की जिम्मेदारी बहुत अहम होती है।
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वन विभाग की चेतावनी
वन प्रशासन ने यह भी संकेत दिए हैं कि भविष्य में नियम तोड़ने वालों पर और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें परमिट निरस्तीकरण और लंबी अवधि के प्रतिबंध शामिल हो सकते हैं।