
पानीपत : बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और प्रसिद्ध कथावाचक पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने एक बार फिर भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित किए जाने की मांग को दोहराया है। इस बार उन्होंने घोषणा की है कि वे 7 नवंबर 2025 से दिल्ली से मथुरा तक दूसरी विशाल पदयात्रा निकालेंगे, जो हरियाणा और उत्तर प्रदेश से होते हुए 131 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
हरियाणा के पानीपत में श्री हनुमंत कथा के पहले दिन की घोषणा
शनिवार को हरियाणा के पानीपत में शुरू हुई तीन दिवसीय श्री हनुमंत कथा के प्रथम दिन धीरेन्द्र शास्त्री ने मंच से अपनी आगामी यात्रा की घोषणा की। कथा के उद्घाटन सत्र में हरियाणा सरकार के शिक्षा मंत्री महिपाल टंडा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
7 नवंबर से शुरू होगी 10 दिवसीय दूसरी पदयात्रा
बाबा बागेश्वर ने बताया कि उनकी पहली सनातन हिंदू एकता पदयात्रा नवंबर 2024 में निकाली गई थी, जिसमें देश-विदेश से लाखों लोग शामिल हुए थे। अब दूसरी पदयात्रा
- 7 नवंबर 2025 से शुरू होगी
- 10 दिन चलेगी
- 131 किलोमीटर की दूरी तय करेगी
- 400 गांवों और कस्बों से होकर गुजरेगी
- और लगभग 5 करोड़ लोगों तक पहुंचेगी।
“हम खुद पैदल चलकर लोगों के घर तक पहुंचेंगे” – धीरेन्द्र शास्त्री
उन्होंने कहा कि,
“VIP लोग तो किसी तरह हमसे मिल जाते हैं, लेकिन गरीब, मजदूर, किसान हमारे पास नहीं आ पाते। इसलिए हम उनके घर खुद चलकर जायेंगे, उन्हें गले लगाएंगे।”
“हम गोली खा लेंगे, लेकिन कलमा नहीं पढ़ेंगे” – बागेश्वर महाराज का तीखा बयान
भीड़ को संबोधित करते हुए धीरेन्द्र शास्त्री ने बिना किसी धर्म या समुदाय का नाम लिए कहा:
“कान खोलकर सुन लो, हम वो हिन्दू हैं जो गोली खा लेते हैं लेकिन कलमा नहीं पढ़ते।
सिर कटा लेते हैं लेकिन वतन को मिटने नहीं देते।
तुम 10 रुपए के लालच में अपनी दुकान का नाम बदल सकते हो,
लेकिन हम जैसे हैं वैसे ही रहेंगे।
जब तक भारत हिन्दू राष्ट्र नहीं बनता, तब तक हम सुकून से नहीं बैठेंगे।”
ये भी पढ़े – अगली बार मेरा मंच धूप में और बच्चे छांव में बैठें….शिवपुरी में आते ही बोलें सिंधिया
पदयात्रा का उद्देश्य : भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना
बाबा ने स्पष्ट किया कि उनकी यह यात्रा किसी विशेष व्यक्ति, संस्था या दल के विरोध में नहीं, बल्कि
“भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाए जाने की चेतना जगाने के लिए है।“
उन्होंने कहा कि यह आंदोलन सांस्कृतिक जागरण, सनातन एकता और हिंदू अस्मिता के पुनरुद्धार के लिए है।
पदयात्रा का मार्ग
- शुरुआत: दिल्ली
- मार्ग: हरियाणा, उत्तर प्रदेश
- समापन: मथुरा
- कुल 131 किमी की यात्रा
- 400 गांवों और कस्बों में पहुंच