
शनिवार को राज्य जांच एजेंसी (SIA), कश्मीर ने आतंक के खिलाफ अभियान को नई धार देते हुए श्रीनगर, गांदरबल और हंदवाड़ा के कई संवेदनशील इलाकों में एक साथ ताबड़तोड़ छापेमारी की। यह कार्रवाई ऐसे वक्त पर हुई है जब हाल ही में सेना और पुलिस की संयुक्त मुठभेड़ में 6 खूंखार आतंकी ढेर किए जा चुके हैं।
पहाेलगाम हमले के बाद भारत द्वारा की गई एयर स्ट्राइक और सीमापार भेजे सख्त संदेश के बीच अब सुरक्षाबल घाटी में आतंक के हर छिपे नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। SIA की यह छापेमारी स्पष्ट संकेत है कि अब न सिर्फ सक्रिय आतंकियों, बल्कि उनके स्थानीय मददगारों ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) पर भी शिकंजा कसना शुरू हो गया है। घाटी में सुरक्षा एजेंसियों की यह तेज़ी दिखाती है कि अब किसी भी आतंकी मंसूबे को जन्म लेने से पहले ही कुचल देने की नीति पर अमल हो रहा है।
6 आतंकी ढेर
शनिवार को ही संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना और पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने डिटेल दी थी। आईजीपी कश्मीर, वीके बिरदी ने बताया था कि दो अलग-अलग ऑपरेशन हुए। उन्होंने बताया, ‘कश्मीर घाटी में बढ़ती आतंकी गतिविधियों के मद्देनजर यहां तैनात सभी सुरक्षाबलों ने अपनी रणनीतियों की समीक्षा की। इस समीक्षा के बाद, ऑपरेशनों पर अधिक ध्यान दिया गया। पिछले 48 घंटों में, हमने दो बहुत सफल ऑपरेशन किए हैं। ये 2 ऑपरेशन केरन और त्राल इलाकों में किए गए, जिसके परिणामस्वरूप कुल 6 आतंकवादियों को मार गिराया गया।’
सुरक्षाबलों ने सावधानी से दोनों जगह आतंकियों को मार गिराया। शोपियां में शाहिद को ढेर किया गया जो सरपंच हत्या और रिसॉर्ट के ऊपर टूरिस्ट अटैक में शामिल था। उसका साथी अप्रवासी मजदूर को मारने में शामिल था। एसआईए के छापे की बात करें तो, रविवार (11 मई) को भी दक्षिण कश्मीर में 20 स्थानों पर छापा मारा गया था। आतंकियों के सहयोगियों और ओजीडब्ल्यू निशाने पर थे। ये लोग कथित तौर पर पाकिस्तान स्थित आकाओं के लिए माध्यम के रूप में काम कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, तकनीकी निगरानी से पता चला था कि क्षेत्र में कई स्लीपर सेल सीधे सीमापार आतंकी आकाओं के संपर्क में थे। ये स्लीपर सेल व्हाट्सएप, टेलीग्राम और अन्य मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर भारतीय सुरक्षा बलों और प्रमुख प्रतिष्ठानों से संबंधित संवेदनशील और रणनीतिक जानकारी भेजते पाए गए।