मथुरा में 90 बांग्लादेशी गिरफ्तार : 12 साल पहले भारत में घुसे थे, 5 माह से दो ईंट भट्ठों पर कर रहे थे काम

मथुरा में 90 बांग्लादेशी गिरफ्तार : जिले के नौहझील में अवैध तरीके से रह रहे दो ईंट भट्ठों पर पुलिस ने छापा मारकर 90 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए इन मजदूरों का दावा है कि वे लगभग 12 वर्ष पूर्व बांग्लादेश से भारत में घुसे थे और पिछले पांच महीनों से यहां कार्यरत थे। पूछताछ में उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने कई प्रदेशों- राजस्थान, हरियाणा और गाजियाबाद में भी मजदूरी की है।

पुलिस के अनुसार, बुधवार को अपराध समीक्षा बैठक में एसएसपी श्लोक कुमार ने अवैध रूप से रहने और काम कर रहे लोगों के खिलाफ जिले भर में सर्च ऑपरेशन चलाने का निर्देश दिया था। शुक्रवार को नौहझील थाने की टीम ने जरैलिया सेऊपट्टी स्थित आरबीएस एवं मोदी ईंट उद्योग खाजपुर पर छापा मारा। भट्ठों पर काम कर रहे मजदूरों की बातचीत पर संदेह होने के बाद, खुफिया एजेंसियों को सूचित किया गया। वहां मौजूद मजदूरों ने अपने आप को बंगाल का निवासी बताया, लेकिन उनके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे।

मौके पर पहुंची अभिसूचना इकाई और इंटेलीजेंस ब्यूरो की टीम ने मजदूरों को जनता इंटर कॉलेज परिसर में लाकर पूछताछ की। इनमें से पुरुष, महिलाएं और बच्चे मिलाकर कुल 90 लोग पाए गए। इनमें से 35 पुरुष, 27 महिलाएं और 28 बच्चे हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे 12 वर्षों से भारत में रह रहे हैं, और पहले राजस्थान, हरियाणा और गाजियाबाद जैसे प्रदेशों में मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहे थे।

क्षेत्र के जरैलिया सेउपट्टी स्थित आरपीएस ईट उद्योग पर भी उनके कुछ साथी कार्य कर रहे हैं पुलिस को वहां भी बांग्लादेशी मिले पुलिस ने दोनों भट्टो से 35 पुरुष 27 महिलाएं 28 बच्चे सहित 90 बांग्लादेशों को विरासत में ले लिया है पुलिस पूछताछ के लिए उन्हें थाने ले आई। बांग्लादेश्यों ने बताया की 10 15 वर्ष पहले वे भारत आए थे। यहां हरियाणा गाजियाबाद दिल्ली नोएडा और अलीगढ़ में काम करते रहे 6 7 महीने से यहां पथाइ का काम कर रहे हैं ।

इन मजदूरों का कहना है कि वे भट्ठा संचालकों द्वारा कम मजदूरी मिलने के कारण ठेकेदार के जरिए यहां लाए गए थे। अधिकांश श्रमिकों का कहना है कि वे आठ महीने से यहां काम कर रहे हैं और उनके साथियों ने भी स्वीकार किया कि वे अपने-अपने परिवारों का पालन-पोषण करने के लिए भारत आए थे। इन मजदूरों को लाने वाले ठेकेदार की तलाश शुरू कर दी गई है, और उन पर विदेशी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि इससे पहले 2020 में वृंदावन के सेवाकुंज मंदिर से दो बांग्लादेशी नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया था, जिन्होंने सात साल तक साधु का वेश धारण कर रखा था। यह मामला भी जिले में विदेशी नागरिकों की अवैध उपस्थिति का संकेत देता है।

पुलिस के अनुसार, इन भट्टों पर काम करने वाले मजदूरों की संख्या एक भट्ठे पर करीब 200 से अधिक हो सकती है। कम मजदूरी मिलने के कारण भट्ठा संचालक बाहरी मजदूरों को बुलाते हैं, जो ठेकेदार के माध्यम से यहां पहुंचते हैं। गिरफ्तार किए गए श्रमिक भी अपनी बात में यही स्वीकार करते हैं कि वे भारत में करीब 12 वर्षों से रह रहे हैं और विभिन्न प्रदेशों में मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने बताया कि पकड़े गए बांग्लादेशियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। अन्य सुरक्षा व जांच एजेंसियों को भी सूचित किया गया है

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