
नई दिल्ली। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और उसकी भीख मांगने की प्रवृत्ति पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि पाकिस्तान जहां खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन शुरू हो जाती है। सिंह ने यह टिप्पणी पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से कर्ज लेने के मामले में की है, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत अब उन देशों की श्रेणी में है जो IMF को फंड देते हैं ताकि गरीब देशों को सहायता मिल सके।
पाकिस्तान की मौजूदा हालत गंभीर हो चली है। पाकिस्तान सरकार के आंकड़ों के अनुसार, देश में लगभग 2.2 करोड़ भिखारी हैं, जो सालाना कम से कम 42 अरब पाकिस्तानी रुपये कमाते हैं। पाकिस्तान के ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने बताया कि इन भिखारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और यह पाकिस्तान की छवि को भी प्रभावित कर रही है। उन्होंने कहा कि इन भिखारियों की बढ़ती संख्या विदेशों में पाकिस्तान की नकारात्मक छवि का कारण बन रही है।
विशेष रूप से सऊदी अरब में पाकिस्तानी भिखारियों का बड़ा नेटवर्क पाया जाता है। ख्वाजा आसिफ ने बताया कि सिर्फ सऊदी अरब ने ही पिछले 25 दिनों में 4,700 पाकिस्तानी भिखारियों को वापस पाकिस्तान भेजा है। पाकिस्तान की फेडरल जांच एजेंसी के आंकड़ों के अनुसार, 2021 से 2024 तक के तीन सालों में सऊदी अरब ने करीब 4,000 भिखारियों को निर्वासित किया है। सऊदी अरब में भीख मांगने पर कठोर कानून लागू हैं, जिनके तहत व्यक्तियों को जुर्माने और जेल का सामना करना पड़ता है, और विदेशी भिखारियों को देश से निष्कासित किया जाता है।
पाकिस्तान में हाल के वर्षों में मानव तस्करी और भीख मांगने वालों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। सितंबर 2023 में पाकिस्तान की सीनेट की स्थायी समिति को बताया गया कि देश से बड़ी संख्या में भिखारी विदेश जा रहे हैं, जिससे मानव तस्करी को बढ़ावा मिल रहा है। खासतौर पर, सऊदी अरब जाने के नाम पर कुछ पाकिस्तानी भिखारी तीर्थयात्रियों के भेष में यात्रा करने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। इस संबंध में सऊदी अरब ने भी चेतावनी दी है कि भीख मांगने और अवैध प्रवास पर रोक लगाने के कड़े कदम उठाए जाएंगे।
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