‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद रक्षा बजट में होगी बढ़ोत्तरी, नए हथियार व रिसर्च पर होगा खर्च

नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद केंद्र सरकार अपनी रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपने रक्षा बजट में बढ़ोतरी कर सकती है। सूत्रों के हवाले से इंडिया टुडे ने बताया है कि सरकार ने अनुपूरक बजट के माध्यम से 50,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान करने का प्रस्ताव रखा है, जिसे उम्मीद है कि संसद के शीतकालीन सत्र में मंजूरी मिल जाएगी।

इस अतिरिक्त बजट का उपयोग नए हथियारों, गोला-बारूद, प्रौद्योगिकी की खरीद और अनुसंधान एवं विकास पर किया जाएगा। सरकार ने अपने सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने, आवश्यक खरीदारी करने और तकनीकी उन्नयन के लिए इस फंड का उपयोग करने का इरादा जताया है।

वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार ने रक्षा क्षेत्र के लिए रिकॉर्ड 6.81 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.53 प्रतिशत अधिक है। यह वृद्धि सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम को दर्शाती है। 2014 में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद से पिछले दस वर्षों में रक्षा बजट लगभग तीन गुना बढ़ गया है।

आंकड़ों के अनुसार, भारत का कुल रक्षा बजट 6.81 लाख करोड़ रुपये (81 अरब डॉलर) है, जबकि पाकिस्तान का रक्षा बजट केवल 2,500 अरब रुपये (9 अरब डॉलर) है। इस तुलना में भारत का बजट पाकिस्तान से नौ गुना अधिक है। भारत अपने बजट का उपयोग आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता, अनुसंधान और सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास पर कर रहा है, जबकि पाकिस्तान अधिकतर अपने रक्षा बजट का उपयोग हथियारों की खरीद और आयात पर निर्भर रहता है।

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