
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच तुर्किए ने पाकिस्तान के पक्ष में खुलकर बयान दिया, जिससे भारत में नाराजगी फैल गई. तुर्किए के इस रुख का असर न केवल कूटनीतिक स्तर पर, बल्कि व्यापार और पर्यटन क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है. भारतीय पर्यटकों ने पहले ही तुर्किए की अपनी ट्रैवल बुकिंग रद्द कर दी है और अब केंद्र सरकार भी तुर्की के खिलाफ कड़े कदम उठाने की तैयारी में है.
सरकार करेगी तुर्की कंपनियों की समीक्षा
सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार उन सभी परियोजनाओं की समीक्षा करने जा रही है, जिनमें तुर्किए की कंपनियां शामिल हैं. तुर्किए की कंपनियां दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर कार्यरत हैं. सरकार इन कंपनियों के प्रदर्शन और भागीदारी का मूल्यांकन करेगी और यदि आवश्यक हुआ, तो उन्हें इन प्रोजेक्ट्स से हटाने पर भी विचार किया जा सकता है.
तुर्किए से व्यापार पर भी असर
भारत के प्रमुख व्यापारिक संगठनों, जैसे कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT)ने तुर्किए के साथ सभी प्रकार के व्यापारिक संबंध समाप्त करने की मांग की है. तुर्किए के उत्पादों के बहिष्कार का अभियान देशभर में चल रहा है, और यह सरकार के रुख को मजबूती दे रहा है. यह स्पष्ट संकेत है कि भारत तुर्किए को केवल पर्यटन के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि व्यापार के क्षेत्र में भी बड़ा झटका देने जा रहा है.
किन क्षेत्रों में सक्रिय हैं तुर्की की कंपनियां
तुर्किए की कंपनियां भारत में आईटी, मेट्रो रेल निर्माण, सुरंग निर्माण और अन्य बुनियादी ढांचे से संबंधित परियोजनाओं में काम कर रही हैं. विशेष रूप से दिल्ली, मुंबई, लखनऊ और गुजरात जैसे शहरों में ये कंपनियां विभिन्न सरकारी और निजी परियोजनाओं का हिस्सा हैं. उदाहरण के लिए, लखनऊ और पुणे में तुर्की की कंपनियां मेट्रो प्रोजेक्ट्स में भागीदारी कर रही हैं और गुजरात में एक निर्माण इकाई भी स्थापित की जा रही है.
निवेश और एफडीआई आंकड़े
मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स मंत्रालय के अनुसार, अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 तक तुर्किए से भारत में लगभग 24 करोड़ डॉलर का एफडीआई आया है. यह निवेश निर्माण, शिक्षा, मीडिया, एविएशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों में किया गया है. हालांकि तुर्किए भारत में FDI स्रोत देशों में 45वें स्थान पर है, फिर भी उसकी भागीदारी कई प्रमुख क्षेत्रों में बनी हुई है.
पर्यटन में गिरावट
2024 में तुर्किए जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या लगभग 2.7 लाख रही, जो चीन के बाद सबसे अधिक थी. प्रत्येक भारतीय पर्यटक तुर्किए यात्रा पर औसतन 3 से 3.35 लाख रुपये तक खर्च करता है. अब, तुर्की के खिलाफ जनता की नाराजगी के चलते इस पर्यटन में भारी गिरावट आई है, जिससे तुर्की को प्रत्यक्ष आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.