
Jhansi: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने अवैध बूचड़खानों पर सख्ती बरतने का ऐलान किया था, लेकिन झाँसी का मोंठ थाना क्षेत्र सरकार के आदेशों और कानून दोनों को ठेंगा दिखा रहा है। मदारगंज मोहल्ले में अवैध तरीके से संचालित हो रहे बूचड़खानों की सच्चाई तब सामने आई जब दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। इन वीडियो में घरों के भीतर मवेशियों को बेरहमी से काटते हुए साफ देखा जा सकता है। वीडियो में मवेशियों की चीत्कार और खून से सने फर्श ने पूरे क्षेत्र में दहशत और गुस्से का माहौल पैदा कर दिया है।
वीडियो ने खोली व्यवस्था की पोल, जनता में आक्रोश
इन वीडियो के सामने आते ही यह साफ हो गया कि प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे ये अवैध बूचड़खाने वर्षों से चल रहे हैं। स्थानीय लोगों ने कई बार पुलिस और प्रशासन को इसकी शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब जनता का आरोप है कि कहीं न कहीं प्रशासन की मिलीभगत और संरक्षण के बिना इस तरह की गतिविधि संभव नहीं है।
योगी सरकार के आदेशों की सरेआम अवहेलना
गौरतलब है कि योगी सरकार ने सत्ता में आते ही प्रदेशभर में अवैध बूचड़खानों पर पाबंदी लगाने का आदेश दिया था। कई जिलों में इसके खिलाफ अभियान भी चलाया गया। लेकिन झाँसी का मोंठ इलाका इन आदेशों का मजाक उड़ाते हुए कानून व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द को तार-तार कर रहा है।
प्रशासन की ढुलमुल कार्रवाई पर उठे सवाल
इस पूरे मामले में मोठ कोतवाल अखिलेश द्विवेदी का कहना है कि
“वीडियो की जांच कराई जा रही है, वीडियो कब के हैं, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। कार्रवाई की जाएगी।”
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब वीडियो में घटनास्थल की पहचान और चेहरों की तस्वीरें साफ हैं तो अब तक कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? क्या प्रशासन फिर इस मामले को ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी कर रहा है?
कब जागेगा प्रशासन?
यह मामला महज कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि सामाजिक तानेबाने को भी खतरनाक हद तक नुकसान पहुंचा सकता है। अगर समय रहते दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो इसका असर क्षेत्र की शांति व्यवस्था पर पड़ सकता है।
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