लखनऊ : बुजुर्ग महिला को पुलिस ने भगाया, FIR करने के बजाय भेज रही कोर्ट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महिलाओं व बेटियों को न्याय देने के लिए कानून के जिम्मेदारों को कड़े निर्देश दिए हैं। वहीं राजधानी लखनऊ में पुलिस बुजुर्ग विधवा महिला को न्याय के लिए दर-दर भटकने की सलाह दे रही है। गुरुवार को बुजुर्ग रेनू सिन्हा ने दैनिक भास्कर से बात कर अपनी समस्या बताई। पीड़ित महिला का आरोप है कि उसके साथ ठगी हुई है, जिसकी शिकायत उसने अरविंदो चौकी पर की थी। लेकिन पीड़ित महिला को पुलिस से कोई मदद नहीं मिली। पुलिस बुजुर्ग महिला को थाने आने के बजाय कोर्ट जाने को बोल रही है।

दरअसल, बुजुर्ग महिला रेनू सिंहा ने 2020 में ट्रेडिंग के नाम पर ऋषि भटनागर से आठ लाख रुपये लिए थे। इस रकम का मौखिक समझौता था कि उसे मोटा मुनाफा देगा लेकिन उसने बैंक द्वारा दिया जाने वाला ब्याज मुनाफा भी नहीं दिया। शिकायत के बाद कुछ समय पहले अरविंदो चौकी पर आरोपी ऋषि भटनागर ने महिला से पैसा वापस करने के लिए 15 दिन का समय मांगा, और कॉल रिकॉर्डिंग में आरोपी ने आठ लाख रुपये वापस करने को भी स्वीकार किया। इसके बावजूद, महिला को न्याय के उम्मीद में पुलिस से मदद नहीं मिली, जिससे वह निराश होकर दैनिक भास्कर के कार्यालय पहुंची।

महिला ने आरोप लगाया है कि पुलिस अधिकारियों, डीसीपी शशांक सिंह और SHO गाजीपुर ने उसकी बात सुनी नहीं और उल्टे उसे डांट दिया। महिला ने बताया कि उसने न्याय की आशा में पुलिस के पास गई थी, लेकिन उसे निराशा ही हाथ लगी। डीसीपी शशांक सिंह को फोन पर इस संबंध में जानकारी दी गई तो उन्होंने महिला को कोर्ट जाने को कह दिया। महिला थाने में आरोपी के खिलाफ एफआईआर कराने की मागं कर रही है।

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