बरेली : सुस्त कार्यशैली पर फूटा डीएम का गुस्सा, बोले- ‘गेहूं खरीद में लापरवाही बर्दाश्त नहीं’

बरेली। जिले में सरकारी गेहूं खरीद की धीमी गति पर जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने कड़ा रुख अपनाते हुए एक ऐसा सख्त संदेश दिया है, जिससे पूरे प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है। गेहूं क्रय केंद्रों पर लक्ष्य के सापेक्ष बेहद कम खरीद होने और किसानों की उदासीनता पर डीएम की तीखी नाराजगी झलकती रही। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में डीएम अविनाश सिंह का तेवर इतना तीखा था कि अधिकारियों की बोलती बंद हो गई।

  • गेहूं खरीद में लापरवाही बर्दाश्त नहीं : डीएम अविनाश सिंह
  • केंद्र प्रभारियों को स्पष्ट चेतावनी- “लक्ष्य से पीछे रहोगे तो कुर्सी नहीं बचेगी”
  • नवाबगंज-मीरगंज की सुस्त कार्यशैली पर फूटा डीएम का गुस्सा, एक हफ्ते का विशेष अभियान चला किसानों को खरीद केंद्रों से जोड़ने के आदेश

बैठक के दौरान जब नवाबगंज गेहूं क्रय केंद्र की रिपोर्ट सामने आई, तो पता चला कि वहां अब तक खरीद न के बराबर हुई है। इस पर जिलाधिकारी ने तत्काल उस केंद्र के प्रभारी पर दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए। डीएम ने साफ लहजे में कहा कि यह एक सरकारी योजना है, किसानों का हक है और अगर इसमें कोई अधिकारी लापरवाही करता है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। यह सख्त चेतावनी थी सिर्फ नवाबगंज के लिए ही नहीं, बल्कि उन सभी केंद्रों के लिए जो आज भी सुस्ती में डूबे हैं।

मीरगंज क्षेत्र की रिपोर्ट ने डीएम के माथे पर और भी शिकन ला दी। वहां किसानों के पंजीकरण की संख्या बेहद कम निकली। डीएम ने यह स्वीकार नहीं किया कि किसान नहीं आ रहे, उन्होंने प्रशासन को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा, “तंत्र ही निष्क्रिय हो चुका है। प्रचार-प्रसार में गंभीरता होती तो किसान खुद आते।” उन्होंने निर्देश दिए कि मीरगंज सहित सभी सुस्त क्षेत्रों में जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। गाँव-गाँव, खेत-खलिहानों में जाकर किसानों को सरकारी दर पर खरीद का महत्व बताया जाए।जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने निर्देश दिया कि पूरे जिले में एक सप्ताह का विशेष अभियान चलाया जाए, जिसमें तहसील स्तर से लेकर ग्राम स्तर तक अधिकारियों की ड्यूटी सुनिश्चित की जाए। एसडीएम, तहसीलदार, खाद्य विभाग के अफसर और कृषि अधिकारी सभी को किसानों से सीधा संवाद स्थापित करने का आदेश मिला।

डीएम का संदेश साफ था, “सरकारी गेहूं खरीद अभियान सिर्फ कागजों में नहीं, जमीनी हकीकत में सफल होना चाहिए।”बैठक में उपस्थित सभी केंद्र प्रभारियों को जिलाधिकारी ने साफ शब्दों में चेताया कि यदि किसी केंद्र की खरीद निर्धारित लक्ष्य से कम रही तो संबंधित प्रभारी की जवाबदेही तय करते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने एक-एक केंद्र की समीक्षा की और वहाँ तैनात अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर तीखे सवाल दागे।

डीएम ने कहा कि इस बार गेहूं खरीद में पिछड़ने का कोई बहाना नहीं चलेगा। खरीद में सुस्ती की वजह सिर्फ और सिर्फ अधिकारियों की निष्क्रियता और लापरवाही है। “पिछले सालों की तुलना में अधिक पारदर्शिता, अधिक सुविधाएं दी गई हैं। फिर भी खरीद नहीं हो रही तो यह सवाल उठते हैं, क्या अफसर सिर्फ रिपोर्टिंग तक ही सीमित रह गए हैं?” बैठक में अपर जिलाधिकारी नगर सौरभ दुबे, डिप्टी आरएमओ कमलेश कुमार पांडे, मंडी सचिव समेत सभी जिला सहायक निबंधक व संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। सभी को जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि गेहूं क्रय केंद्रों की नियमित निगरानी करें और यदि कहीं कोई लापरवाही नजर आए तो तुरंत रिपोर्ट करें।

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