
बरेली। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की “जीरो टॉलरेंस फॉर करप्शन” नीति को एक बार फिर साकार करते हुए भ्रष्टाचार निवारण संगठन बरेली ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। संगठन की विशेष ट्रैप टीम ने सोमवार शाम को बरेली तहसील सदर में तैनात राजस्व निरीक्षक नरेंद्र पाल गंगवार को एक किसान से दस हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ धर दबोचा। यह गिरफ्तारी बरेली के कस्बा रिठौरा स्थित ईदगाह के पास, सार्वजनिक स्थल पर की गई, जो बताता है कि भ्रष्टाचार किस कदर बेलगाम होती जा रही है।
- पीड़ित किसान से मांगी थी जमीन की पैमाइश के बदले रिश्वत
- ईदगाह के पास 10 हजार लेते हुए पकड़ा गया
- शिकायतकर्ता पूरनलाल की सूचना पर बिछाया गया जाल
- सतर्कता टीम ने 100 मीटर दूर तिराहे पर पकड़ा रिश्वतखोर
गांव रिठोरा निवासी किसान पूरनलाल शर्मा ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन से संपर्क कर शिकायत की थी कि रिठोरा स्थित उसकी कृषि भूमि की पैमाइश कराने के एवज में राजस्व निरीक्षक नरेंद्र पाल गंगवार उससे पहली किस्त के तौर पर दस हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहा है। शिकायत मिलते ही पुलिस उपाधीक्षक भ्रष्टाचार निवारण संगठन बरेली मंडल के निर्देशन में इंस्पेक्टर इश्तियाक वारसी की अगुवाई में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने पूरी योजना के तहत सोमवार शाम 6 बजे आरोपी को रंगे हाथों पकड़ा।
पूरनलाल शर्मा को एक विशेष नंबर लगे नोट दिए गए, जिन्हें ट्रैप टीम ने पहले ही कैमिकल मार्किंग से चिन्हित किया था। तय योजना के अनुसार पूरनलाल शर्मा ने आरोपी नरेंद्र पाल को ईदगाह के पास तिराहे पर बुलाया और जैसे ही उसने पैसे हाथ में लिए, पहले से मौजूद टीम ने उसे पकड़ लिया। नोटों की गिनती और कैमिकल जांच के बाद आरोपी की जेब से वही निशान लगे नोट बरामद किए गए।
गांव मुड़िया तेली, थाना नवाबगंज निवासी नरेंद्र पाल गंगवार वर्तमान में तहसील सदर बरेली में राजस्व निरीक्षक के पद पर कार्यरत है। उसका काम ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि पैमाइश, दाखिल-खारिज और अन्य राजस्व संबंधी कार्यों को निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से संपादित करना था। लेकिन उसने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए किसान से पैमाइश कराने की एवज में अवैध रूप से रिश्वत मांगी, जो उत्तर प्रदेश सरकार की पारदर्शिता नीति के पूरी तरह खिलाफ है।
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