
राजौरी : राजौरी में सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) और अस्पताल ने कहा है कि वह अपने कई कर्मचारियों का वेतन जारी नहीं करेगा जो भारत और पाकिस्तान के बीच सशस्त्र संघर्ष के दौरान ड्यूटी से अनुपस्थित पाए गए थे।
आदेश में कहा गया है कि दंडित कर्मचारियों में फैकल्टी, कंसल्टेंट, सीनियर रेजिडेंट, जूनियर रेजिडेंट, स्टाफ नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, तकनीकी स्टाफ, मिनिस्टीरियल स्टाफ, मल्टी-टास्किंग स्टाफ, इंटर्न और कई अन्य शामिल हैं जो 7 मई को शहर छोड़कर भाग गए थे।
जीएमसी राजौरी के प्रिंसिपल प्रोफेसर (डॉ) ए एस भाटिया ने आदेश में कहा कि इसके अलावा उक्त अवधि को अनधिकृत अनुपस्थिति माना जाएगा और लागू नियमों और विनियमों के अनुसार उनके सेवा रिकॉर्ड सेवा पुस्तकों में उचित प्रविष्टियाँ की जाएंगी।
यह सुविधा राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती जिलों में फैले पूरे पीर पंजाल क्षेत्र के लिए एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान के रूप में कार्य करती है। दोनों ही जिले पाकिस्तान द्वारा तोपखाने और मोर्टार गोलाबारी से सबसे अधिक प्रभावित थे।
जम्मू और कश्मीर में संघर्ष में कुल 28 मौतों में से कम से कम 20 मौतें इन दो जिलों से हुई हैं जबकि 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
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मृतकों में राजौरी के अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त राज कुमार थप्पा भी शामिल हैं जिनकी 10 मई को राजौरी शहर में उनके आवासीय परिसर में गोला गिरने से मृत्यु हो गई थी।