
2000 के दशक की शुरुआत में जब ऐश्वर्या राय, रानी मुखर्जी और करीना कपूर जैसी अभिनेत्रियां हिंदी सिनेमा में टॉप पर पहुंचने की दौड़ में थीं, तब एक और नाम था जिसे हर कोई हल्के में नहीं ले सकता था — प्रीति जिंटा। उनके चेहरे की मासूम मुस्कान, मजबूत स्क्रीन प्रेजेंस और आत्मविश्वास ने उन्हें भीड़ से अलग बनाया।
₹600 करोड़ का प्रस्ताव…और उसका इनकार
यह घटना किसी फिल्म की स्क्रिप्ट जैसी ही है। कमाल अमरोही के बेटे शानदार अमरोही, जो खुद एक फिल्ममेकर थे, प्रीति जिंटा को अपनी बेटी मानते थे। 2011 में उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि वे अपनी ₹600 करोड़ की संपत्ति प्रीति को देना चाहते हैं, न कि अपने बच्चों को।
लेकिन इस पर प्रीति की प्रतिक्रिया ने सबको चौंका दिया। उन्होंने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया। बाद में अमरोही ने मीडिया को बताया कि वे प्रीति के इस बयान से आहत हुए हैं और उन्होंने अपनी वसीयत में उनका नाम नहीं रखा।
यह घटना सिर्फ एक किस्सा नहीं थी, बल्कि प्रीति की स्वाभिमानी और आत्मनिर्भर सोच का उदाहरण थी। उन्होंने यह साबित किया कि उनकी पहचान पैसे या विरासत से नहीं, बल्कि खुद के फैसलों और मेहनत से बनी है।
करियर की उड़ान: हिट फिल्मों की झड़ी
प्रीति जिंटा ने अपने करियर की शुरुआत 1997 में मणिरत्नम की दिल से से की, जिसमें उन्होंने एक छोटा लेकिन प्रभावशाली रोल निभाया। इसके बाद क्या कहना और सोल्जर जैसी फिल्मों में लीड रोल कर उन्होंने बॉलीवुड में अपने पैर जमा लिए।
उन्होंने इंडस्ट्री को कई यादगार फिल्में दीं:
- दिल चाहता है (2001) – मॉडर्न यंगस्टर्स की जिंदगी की रियल झलक।
- कोई मिल गया (2003) – एक Sci-fi फिल्म में गहराई से निभाया गया किरदार।
- कल हो ना हो (2003) – दिल छू लेने वाला परफॉर्मेंस।
- वीर-ज़ारा (2004) – एक क्लासिक रोमांटिक गाथा।
- कभी अलविदा ना कहना (2006) – रिलेशनशिप की जटिलताओं पर दमदार अभिव्यक्ति।
2007 के बाद से प्रीति फिल्मों से दूरी बनाने लगीं। उन्होंने द लास्ट लीयर और हेवन ऑन अर्थ जैसी इंग्लिश फिल्मों में काम किया, लेकिन बॉलीवुड की मुख्यधारा से दूर रहीं।
करियर से हटकर : खुद की राह पर
जहां अन्य अभिनेत्रियां ग्लैमर और स्टारडम की दुनिया में उलझ गईं, प्रीति ने अपने फैसलों से साबित किया कि वह एक आत्मनिर्भर, सोच-समझ कर कदम रखने वाली महिला हैं। उन्होंने अपने आईपीएल टीम किंग्स इलेवन पंजाब के सह-स्वामित्व में कदम रखा, बिज़नेस की दुनिया में भी पहचान बनाई और पर्सनल लाइफ को मीडिया की चकाचौंध से दूर रखा।
लौट रही हैं बड़े पर्दे पर
2025 में प्रीति जिंटा फिल्म लाहौर 1947 के साथ बड़े पर्दे पर वापसी करने जा रही हैं। यह वापसी सिर्फ एक कमबैक नहीं, बल्कि एक और साबित करना है कि कुछ स्टार्स का दौर भले ही थम जाए, उनकी वजूद की चमक कभी फीकी नहीं पड़ती।