बरेली : खूनी संघर्ष या प्रशासनिक लापरवाही? बेखौफ अपराधियों ने मोहल्ले में पथराव कर किया जानलेवा हमला

  • किला थाना क्षेत्र में दबंगो के हौसले बुलंद
  • सूचना देने पर बौखलाए अपराधियों ने किया जानलेवा हमला, पुलिस की कार्यशाली पर उठे सवाल
  • मुखबिर का खून बहा, लेकिन हमलावर फरार—क्या यही है कानून का डर?

बरेली। थाना किला शहर के मध्यवर्ती और घनी आबादी वाले कुंवरपुर मोहल्ले में रविवार रात जो कुछ हुआ, उसने न सिर्फ आमजन को दहला दिया, बल्कि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर दिया। बताया जा रहा है कि किला थाना क्षेत्र में प्रवीन सक्सेना अपने दामाद बंटू वाल्मीकि व अन्य करीब 50 हथियारबंद लोगों के साथ मोहल्ले पर टूट पड़ा। मारपीट, पत्थरबाज़ी और खुलेआम फायरिंग से पूरा इलाका थर्रा उठा। वहीं घटना के कई घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली है।

पीड़ित पक्ष का कहना है। कि रविवार शाम करीब आठ बजे मोहल्ले में रोज़मर्रा की सामान्य दिनचर्या चल रही थी। महिलाएं गली में बैठी बातचीत कर रही थीं और बुजुर्ग आराम कर रहे थे। तभी अचानक प्रवीन सक्सेना अपने दामाद बंटू वाल्मीकि, छोटू, टूटा, फंदूस, चन्ना, राजकुमार वाल्मीकि, विक्की और दर्जनों साथियों के साथ मोहल्ले में घुसा। आरोप है कि सभी हथियारों से लैस थे और उनके इरादे बेहद खतरनाक थे।

हमलावरों ने न सिर्फ घरों पर पथराव किया, बल्कि लाठी-डंडों से मारपीट भी की। इसके बाद देसी तमंचों से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दहशत फैलाई गई। स्थानीय लोगों के अनुसार, कई राउंड फायरिंग हुई और एक वाहन भी तोड़ दिया गया। बच्चों और महिलाओं में चीख-पुकार मच गई, लोग अपने घरों में छिपने लगे। इस हमले में राजकुमार कनौजिया, महेश यादव, शेखर कनौजिया,भानू सक्सेना सहित करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए। महिलाओं को भी पत्थरों और डंडों से गंभीर चोटें आई हैं। घायलों को एम्बुलेंस से जिला अस्पताल भेजा गया, जहां कुछ की हालत नाजुक बताई जा रही है।

स्थानीय एक युवक ने हमले की घटना का वीडियो बना लिया जो कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि किस तरह महिलाएं जान बचाकर भाग रही हैं, हमलावर फायरिंग कर रहे हैं और पूरे मोहल्ले में अफरातफरी मची है।

घटना के विरोध में रविवार रात ही सैकड़ों की संख्या में मोहल्ले के लोग किला थाने पर इकट्ठा हो गए और नारेबाजी करते हुए कार्रवाई की मांग करने लगे। उनका कहना था कि पुलिस जानबूझकर चुप्पी साधे बैठी है क्योंकि आरोपी वर्षों से थाने के लिए मुखबिरी करता रहा है। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।

थाना प्रभारी किला राजेश कुमार ने बताया कि “मामले की जांच चल रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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